साउथ अफ्रीका में खेले गए आईसीसी विमेन अंडर 19 टी 20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारतीय महिला टीम ने इंग्लैंड को 7 विकेट से हराकर इतिहास रचा। फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने पहले गेंदबाजी करते हुए इंग्लैंड की टीम को सिर्फ 68 रन पर ढेर कर दिया और इसके बाद तीन विकेट खोकर लक्ष्य को हासिल कर लिया ।
भारतीय महिला टीम के लिए बड़ी उपलब्धि है । यह पहला मौका है जब भारतीय महिला टीम ने कोई आईसीसी ट्रॉफी जीती है। शैफाली वर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम ने पहला अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप जीत इतिहास के पन्नों पर अपना नाम शुमार कर लिया है। आपको बता दें कि इसे पहले भारतीय टीम की सीनियर या जूनियर किसी टीम ने आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती थी। 2005 और 2017 वर्ल्ड कप में सीनियर वीमेन टीम फाइनल तक सफर तय किया था लेकिन चैंपियन नहीं बन पाए थे।
फाइनल मुकाबले में कप्तान शैफाली वर्मा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया और भारतीय गेंदबाजों ने इस फैसले को बिल्कुल सही साबित करते हुए इंग्लैंड की टीम को 17.1 ओवर में ऑल आउट कर दिया। भारत की तरफ से तितास साधु, अर्चना देवी और पार्श्वी चोपड़ा ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए दो दो विकेट अपने नाम किए । वहीं शैफाली वर्मा, सोनम यादव और मन्नत कश्यप को एक एक विकेट । इंग्लैंड की तरफ से रायना मैकडोनाल्ड ने सबसे ज्यादा 19 रन बनाए ।
इसके बाद लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम को शैफाली वर्मा तेज शुरुआत दिलाने की कोशिश की लेकिन एक चौका और एक छक्का लगाने के बाद 15 रन बनाकर हन्ना बेकर की गेंद पर आउट हुई । इसके अगले ही ओवर में इन्फॉर्म बैटर श्वेता सहरावत भी 5 रन बनाकर पवेलियन चलती बनी।
लेकिन इसके बाद सौम्य तिवारी और गोंगड़ी तृषा ने 46 रन की साझेदारी कर भारत को जीत के करीब पहुंचा दिया। टीम जब जीत से 3 रन दूर थी तभी तृषा स्टोनहाउस की गेंद और आउट होगी लेकिन सौम्य तिवारी ने एक तरफ टिकी रही और भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाकर लौटी। सौम्य और तृषा दोनो ने 24-24 रन बनाए । प्लेयर ऑफ द मैच तितास साधु को चुना गया जिन्होंने 4 ओवर में मात्र 6 रन देकर दो विकेट लिए।