लम्बे समय से भारतीय टीम से बहार चल रहे पृथ्वी शॉ ने एक बार फिर शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए रणजी ट्रॉफी में रिकॉर्ड पारी खेल दी है। इस पारी से पृथ्वी ने कई रिकॉर्ड बनाए है। पृथ्वी शॉ ने असम के खिलाफ चल रहे मुकाबले तिहरा शतक लगते हुए 379 रन की पारी खेली है। पृथ्वी ने इस पारी से भारतीय सेलक्टर्स को भी संदेश दिया है कि अब उन्हें भारतीय टीम में जगह मिलनी चाहिए।
पहले बल्लेबाज़ी करते हुए मुंबई की तरफ से 23 साल के पृथ्वी शॉ ने शानदार बल्लेबाज़ी की और मैच के पहले दिन ही दोहरा शतक जड़ दिया था। पहले दिन का खले समाप्त होने पर शॉ 240 रन बनाकर नाबाद लौटे थे। इसके बाद आज दूसरे दिन का खले शुरुआ हुआ और शॉ ने अपनी फॉर्म को बरकरार रखते हुए तिहरा शतक लगाया और लंच ब्रेक से ठीक पहले 379 के स्कोर पर असम के गेंदबाज़ रियान पराग की गेंद पर एलबीडबल्यू आउट होगये और 400 के आकड़े से सिर्फ 21 रन दूर रहे गए। शॉ ने अपनी पारी के दौरान 383 गेंदों खेली और ग्राउंड के चारो तरफ शॉट खेले हुए 49 चौके और 4 छक्के लगाए। शॉ के अलावा मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने भी शतक लगाया और अभी वो 131 रन बनाकर खेल रहे है। मुंबई ने पहेली पारी में अभी तक तीन विकेट खोकर 398 रन बना लिए है।
वहीँ पृथ्वी शॉ ने अब तक का दूसरा सबसे बड़ा रणजी ट्रॉफी स्कोर भी बनाया है। रणजी ट्रॉफी का सबसे बड़ा स्कोर दिसंबर 1948 में भाऊसाहेब निंबालकर ने बनाया था। भाऊसाहेब ने महाराष्ट्र की तरफ से खेलते हुए काठियावाड़ के खिलाफ 443 रन बनाए थे। अब दूसरे नंबर पर पृथ्वी का 379 स्कोर है। तीसरे नंबर पर भारत के पूर्व खिलाड़ी संजय मांजरेकर का स्कोर है, जिन्होंने 1991 में मुंबई से खेलते हुए हैदरबाद के खिलाफ 377 रन की पारी खेली।
इस पारी ने शॉ के लिए खराब फॉर्म का अंत किया। इस रणजी सीजन में पृथ्वी के बल्ले से पहली सात पारियों में केवल एक अर्धशतक निकला था। इस पारी के बाद शॉ उम्मीद करेंगे की उन्हें भारतीय टीम जगह मिले। आपको बात दें कि शॉ ने भारत के लिए अभी तक पांच टेस्ट, छह वनडे और एक टी20 मैच खेले हैं।