नई दिल्ली: आमतौर पर कप्तान उस खिलाड़ी को बनाया जाता है जो सीनियर हो और जिसमें कप्तानी करने की योग्यता होती है लेकिन वर्ल्ड कप अंडर-17 में भाग लेने वाली भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान का चयन बड़े ही अनोखे अंदाज में किया गया है। कोच लुईस नॉर्टन माटोस के सामने जब कप्तान को चुने जाने का सवाल आया तो उन्होंने बहुत सोच तोल कर एक ऐसा तरीका निकाला जिसकी हर कोई प्रशंसा कर रहा है।
मणिपुर के अमरजीत सिंह कियाम कोच लुईस के उस प्रयोग की उपज है जिसकी तारीफ करने वाले असंख्य हैं। इसमें दो राय नहीं कि फुटबॉल जैसे खेल में कप्तान की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। मैदान के बाहर कोच और सपोर्ट स्टाफ है किंतु मैदान में कप्तान को एक लीडर और मार्गदर्शक की भूमिका का निर्वाह करना पड़ता है। भारतीय टीम के सभी खिलाड़ी नये और हमउम्र हैं और उनके बीच सीनियर और जूनियर का सवाल भी पैदा नहीं होता लेकिन कोच ऐसे खिलाड़ी को कप्तान बनाना चाहते थे जोकि साथी खिलाड़ियों के बीच ना सिर्फ लोकप्रिय हो अपितु उसकी कुछ अलग पहचान भी हो और खेल कौशल के मामले में तो अव्वल हो ही।
कोच लुईस ने टीम के सभी 27 संभावितों को बुलाया। उन्हें कागज-पेन थमाया और अपनी पसंद के चार संभावित कप्तानों का नाम लिखने के लिए कहा। बेशक, खिलाड़ियों के लिए असमंजस की स्थिति थी, लेकिन सभी खिलाड़ियों ने अपने चार पसंदीदा कप्तानों में अमरजीत को शामिल किया।
वोटिंग का यह तरीका अनोखा जरूर था किंतु लुईस का यह प्रयोग सब को पसंद आया। जब भारतीय टीम के बेहतरीन खिलाड़ियों की बात होती है तो मिड फील्ड के खिलाड़ी अमरजीत का नाम सबसे उपर आता है वह पिछले कोच निकोलस एडम की टीम का भी कप्तान रहा है। हालांकि अमरजीत मानता है कि टीम में कई शानदार खिलाड़ी हैं और कप्तानी की योग्यता रखते हैं पर जब सब ने मुझे चुना है तो मुझे खुद को साबित करना होगा। उसे उम्मीद है कि वह फेडरेशन, टीम साथियों और कोच के चयन पर खरा उतरेगा।