दिल्ली कैपिटल्स के स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान ओईन मोर्गन के बीच हाल ही में कुछ कहा सुनी देखने को मिली। जिसके बाद अश्विन ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए उन सभी लोगों पर निशाना साधा है, जिन्होंने उनकी खेल भावना पर सवाल खड़ा किया था।
दरअसल मंगलवार को केकेआर के खिलाफ मैच के दौरान एक ओवर में ओवर थ्रो पर अश्विन ने एक रन चुरा लिया था, जिसके बाद इस पर बवाल मच गया। मामला यही शांत नहीं हुआ और मोर्गन ने सोशल मीडिया पर अश्विन पर निशाना साधा। जिसके बाद अब अश्विन ने केकेआर के कप्तान के सभी सवालों का सामने आकर मुंहतोड़ जवाब दिया है।
आईपीएल 2021 के 41वें मैच के दौरान दिल्ली की बल्लेबाजी के 19वें ओवर की एक गेंद पर राहुल त्रिपाठी ने थ्रो फेंका और वे पंत के शरीर पर लगने के बाद गेंद अगर छिटक कर चली गई। तब नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े रविचंद्रन अश्विन ने एक एक्सट्रा रन लेने की कोशिश की। लेकिन केकेआर के खिलाड़ियों को यह कुछ ठीक नहीं लगा और उन्होंने इसको खेल भावना के खिलाफ बता दिया।
हालांकि अश्विन का कहना है कि 19वें ओवर में घटे इस किस्से में रन लेना उनका अधिकार था। इस ओवर थ्रो के चलते कोलकाता के खेमे से टीम साउदी और इयोन मॉर्गन व दिल्ली के अश्विन के बीच कहासुनी भी हुई और अश्विन ने बताया कि मॉर्गन ने उन्हें डिसग्रेस बुलाकर उनका अपमान किया।
अश्विन ने ट्विटर पर घटनाक्रम का विवरण दिया और कहा कि मॉर्गन और साउदी दोनों को इस पर भाषण देने का कोई अधिकार नहीं है।
अश्विन ने लिखा...
1. मैं फील्डर के थ्रो करने पर ही दौड़ पड़ा था और मुझे यह नहीं पता था कि गेंद ऋषभ के शरीर पर लगी है।
2. अगर मुझे यह दिख भी जाए तो क्या मैं भागूंगा? जी हां और यह मेरा अधिकार है।
3. क्या मॉर्गन का मुझे डिसग्रेस बुलाकर अपमान करना उचित था? बिलकुल नहीं।
1. I turned to run the moment I saw the fielder throw and dint know the ball had hit Rishabh.
— Mask up and take your vaccine🙏🙏🇮🇳 (@ashwinravi99) September 30, 2021
2. Will I run if I see it!?
Of course I will and I am allowed to.
3. Am I a disgrace like Morgan said I was?
Of course NOT.
अश्विन ने तथाकथित स्पिरिट ऑफ द गेम (खेल भावना) के अलग-अलग मापदंडों पर भी अपनी राय रखते हुए कहा, इस खेल में लाखों युवक और युवतियां अपने अंदाज में खेलते हुए अपने करियर को संवारने की कोशिश करते हैं। उन्हें सिखाइए कि एक गलत थ्रो पर रन चुराने से आप अपना करियर बना सकते हैं और नॉन स्ट्राइकर छोर पर बाहर खड़े रहने से आपके करियर को नुकसान हो सकता है। आप उन्हें ऐसा कहकर भ्रमित मत कीजिए कि ऐसी परिस्थितियों में रन ना लेने से या खिलाड़ी को चेतावनी देने से आप अच्छे इंसान बन जाते हैं।
4. Did I fight?
— Mask up and take your vaccine🙏🙏🇮🇳 (@ashwinravi99) September 30, 2021
No, I stood up for myself and that’s what my teachers and parents taught me to do and pls teach your children to stand up for themselves.
In Morgan or Southee’s world of cricket they can choose and stick to what they believe is right or wrong but do not have the
right to take a moral high ground and use words that are derogatory.
— Mask up and take your vaccine🙏🙏🇮🇳 (@ashwinravi99) September 30, 2021
What’s even more surprising is the fact that people are discussing this and also trying to talk about who is the good and bad person here!
To all the ‘Cricket is a gentleman’s game’ fans in the house’:⬇️⬇️⬇️
There are millions of cricketers with several thought processes that play this great game to make it their careers, teach them that an extra run taken due to a poor throw aimed to get you out can make your career and an extra yard stolen by the non striker can break your career
— Mask up and take your vaccine🙏🙏🇮🇳 (@ashwinravi99) September 30, 2021
यह हिदायत वही देते हैं जो खेल से पेट पाल चुके हैं और सफलता प्राप्त कर चुके हैं। आप मैदान पर डटकर मुकाबला करिए और मैच खत्म होने पर हाथ मिला लीजिए। 'स्पिरिट ऑफ द गेम' की परिभाषा मेरे लिए यही है।
अश्विन ने नॉन स्ट्राइकर को क्रीज के बाहर रहने पर रन आउट करके पहले भी क्रिकेट जगत में सोच के ध्रुवीकरण में योगदान दिया है। यह भी क्रिकेट के नियमों के अनुसार जायज है लेकिन आमतौर पर दिखाई नहीं देती। 2011 में आईसीसी ने एक नए नियम के तहत इस आउट करने के तरीके को और आसान बना दिया था लेकिन अश्विन की फिर भी कड़ी आलोचना हुई थी।