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NASA और Hollywood के बाद रेसरों को लुभा रहा है अटाकामा

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मंगल ग्रह से काफी समानताएं मिलने के कारण पिछले कुछ वर्षों से नासा और हॉलीवुड के लिये आकर्षण का केंद्र रहा चिली का अटाकामा मरूस्थल अब दुनिया भर के कार और बाइक रेसरों को लुभा रहा है।

अटाकामा मरूस्थल दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के देश चिली के उत्तरी क्षेत्र में प्रशांत महासागर और एंडीज पर्वतमाला के बीच में लगभग 105,000 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है। इसे दुनिया का सबसे पुराना और शुष्क मरूस्थल माना जाता है जहां का आकाश बेहद साफ और नीला है जिससे यह खगोल विज्ञानियों के लिये भी आदर्श स्थल रहा है।

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अटाकामा मरूस्थल के एंटोफगास्ता क्षेत्र की मिट्टी की तुलना मंगल ग्रह की मिट्टी से की जाती है। इस मरूस्थल के युंगे क्षेत्र को पृथ्वी में अपनी तरह की विशिष्ट जगह माना जाता है जिसमें नासा भविष्य में मंगल ग्रह के मिशन के लिये पिछले डेढ़ दशक से भी अधिक समय से परीक्षण कर रहा है। पिछले साल भी उसका एक दल अटाकामा मरूस्थल में गया था।

तब नासा की वेबसाइट पर एंड्रयू गुड ने लिखा था कि अटाकामा धरती पर सबसे शुष्क गैरध्रुवीय रेगिस्तान है जहां कठिन परिस्थितियों को सहन करने वाले सूक्ष्म जीव ही जीवित रह सकते हैं। अगर आप वहां जीवन पा सकते हो तो आपको उससे भी मुश्किल वातावरण में जीवन मिल सकता है जैसे कि मंगल ग्रह में। यही वजह है कि नासा के शोधकर्ता फरवरी (2017) में वहां की यात्रा पर गये। उन्होंने वहां परीक्षण किये जिनका उपयोग एक दिन किसी अन्य दुनिया में जीवन के लक्षणों की खोज में किया जा सकता है।

हालीवुड फिल्मों में मंगल ग्रह से जुड़े दृश्यों के फिल्मांकन के लिये भी अटाकामा मरूस्थल का उपयोग किया जाता रहा है। इनमें टेलीविजन सीरीज ‘स्पेस ओडेसी : वॉयेज टू द प्लेनेट्स’ भी शामिल है।

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अब यही अटाकामा मरूस्थल साहसिक खेलों जैसे कार और बाइक रैली का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। यहां 2009 से विभिन्न रैलियों का आयोजन किया जाता रहा है जिनमें अटाकामा रैली, चिली क्रास कंट्री नेशनल रैली, पैटागोनिया अटाकामा रैली आदि प्रमुख हैं। अटाकामा को वर्ष 2013 में बेहद चुनौतीपूर्ण डकार रैली से भी जोड़ा गया था। तब यह रैली पेरू से शुरू होकर चिली में अटाकामा से होते हुए अर्जेंटीना पहुंची थी और फिर चिली के इस क्षेत्र में समाप्त हुई थी।

हाल में संपन्न हुई अटाकामा रैली में भाग लेने वाली भारतीय टीम हीरो मोटोस्पोर्ट्स टीम रैली के मैनेजर वूल्फगैंग फिशर का मानना है कि पहाड़, घाटी और तटीय इलाकों के अलावा ड्यून (रेत के टीलों) के कारण अटाकामा रैली रेसरों के लिये विशिष्ट स्थल बनता जा रहा है।

फिशर ने कहा कि यहां का भूभाग बेहद चुनौतीपूर्ण है। यह रेसरों के लिये नया क्षेत्र है जिसमें उन्हें अपनी तेजी के साथ संतुलन बनाये रखना होता है। यहां पर नेविगेशन भी भिन्न प्रकार का है और यहां रैली में भाग लेने के लिये बाइक को कुछ अलग तरह से तैयार करना पड़ता है।

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अटाकामा मरूस्थल के पास स्थित प्रमुख शहरों में से एक कोपियापो के बाहरी क्षेत्र के ड्यून (रेत के टीले) रैली रेस के लिये आदर्श माने जाते हैं और इन साहसिक खेलों से जुड़े लोगों का मानना है कि इस वजह से यह पूरा क्षेत्र रेसरों के लिये रोमांच के साथ चुनौती भी पेश करता है।
पिछले 25 वर्षों से रेसिंग से जुड़े पुर्तगाल के ड्राइवर जोकिम रोड्रिग्स ने कहा कि अटाकामा जैसे अनजान मरूस्थल में हर मोड़ पर चुनौती होती है और इसलिए यह रेसरों के अंदर भी रोमांच पैदा करता है।

रोड्रिग्स ने कहा कि रैली में सबसे बड़ा अंतर यह होता है कि आप नहीं जानते कि आप कहां जा रहे हो। यहां आपको किस तरह के भूभाग से गुजरना है कुछ पता नहीं होता है। आपको 170 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से जाना है और आप नहीं जानते कि आगे क्या चुनौती है। मरूस्थल का अनजान ट्रैक और आपको पूरी तेजी से आगे बढ़ना है। कब चट्टान सामने आ जाए या रेतीले टीलों से सामना पड़ जाए आप नहीं जानते और इसलिए यह रोमांचक है।

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अटाकामा रैली 2018 एफआईएम क्रास कंट्री रैली विश्व चैंपियनशिप के चौथे दौर की रैली थी जिसमें रेसरों को 1200 किमी की दूरी तय करनी पड़ी थी। इस रेस में दुनिया भर के रेसरों ने हिस्सा लिया था जिनमें होंडा रेसिंग के मशहूर रेसर केविन बेनाविदेश भी शामिल थे जो आखिर में इस रैली के चैंपियन बने थे।

इसके अलावा इस अनोखे मरूस्थल में ‘फुट रेस’ और वाल्कैनो मैराथन का आयेाजन भी किया जाता है। यह मैराथन अटाकामा मरूस्थल के लसकार ज्वालामुखी के करीब आयोजित की जाती है। नवंबर 2012 में यहां सोलर कार रेसिंग का भी आयोजन किया गया था। उल्लेखनीय है कि लैटिन अमेरिका का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट भी अटाकामा में ही स्थित है।

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