नई दिल्ली : शीर्ष टेनिस अधिकारी अनिल खन्ना ने भारतीय ओलंपिक संघ के चुनावों में अध्यक्ष पद के लिये चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है हालांकि नामाकंन पत्र वापस लेने की तिथि पहले ही समाप्त हो गयी है। अखिल भारतीय टेनस संघ के पूर्व प्रमुख खन्ना ने अपना नामांकन पत्र भरा था और वह तीन दिसंबर को नाम वापस लेने की अंतिम समयसीमा समाप्त होने के बाद अंतर्राष्ट्रीय हाकी महासंघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के साथ अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल थे। लेकिन अब खन्ना ने चुनाव से हटने और 14 दिसंबर को वार्षिक आम बैठक में होने वाले चुनावों में बत्रा का समर्थन करने का फैसला किया है।
खन्ना के हटने से बत्रा के लिये आईओए अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ हो गया। अब शीर्ष पद के लिये उनका चुनाव औपचारिकता रह गया है। इस तरह से बत्रा किसी महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय खेल महासंघ का अध्यक्ष रहते हुए राष्ट्रीय ओलंपिक समिति का प्रमुख बनने वाले चुनिंदा खेल प्रशासकों में शामिल हो जाएंगे।
आईओए के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि आईओए के निर्वतमान कोषाध्यक्ष खन्ना ने समयसीमा के अंतर्गत नाम वापस नहीं लिया था इसलिए तकनीकी तौर पर अध्यक्ष पद के लिये चुनाव हो सकता है लेकिन सदस्य ऐसे में बत्रा को ही मतदान कर सकते हैं। खन्ना ने कहा कि उन्होंने आईओए परिवार को एक रखने के लिये यह फैसला लिया। उन्होंने एआईटीए के लेटर हेड पर लिखे गये पत्र में मुकाबले से हटने का अपना फैसला जाहिर किया है। खन्ना एआईटीए के आजीवन अध्यक्ष हैं। वह अभी एशियाई टेनिस महासंघ के अध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय टेनिस महासंघ के उपाध्यक्ष हैं।
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