भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार आज अपना 31वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। जन्मदिन के खास मौके पर भुवी ने अपनी लाइफ का एक बेहतरीन पल सभी के साथ शेयर किया है। वैसे तो तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार चोटिल होने की वजह से इन दिनों टीम से बाहर चल रहे हैं। लेकिन वह मैदान से बाहर होने की वजह से क्रिकेट को भी बहुत याद कर रहे हैं।
भुवी क्रिकेट को कितना पसंद करते हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंग्लैंड में 1999 में खेले गए विश्व कप में भारत को जब न्यूजीलैंड से हार मिली थी तो वह काफी रोने लग गए थे।
31 साल के हुए भुवनेश्वर ने कहा, मुझे अब भी याद है कि मैं 1999 में भारत और न्यूजीलैंड के बीच विश्व कप मैच देख रहा था। मैं अपनी बहन के साथ यह मैच देख रहा था और जब हम हार गए, मैं बहुत रोया था। मैं उस पल को कभी नहीं भूल सकता, तभी मुझे महसूस हुआ कि मुझमें इस खेल के प्रति कितना उत्साह और जोश है।
भुवनेश्वर को गली क्रिकेट खेलते हुए क्रिकेट के प्रति जुनून बढ़ा। हालांकि तब उन्हें पता नहीं था कि उनके अंदर तेज गेंदबाज बनने की क्षमता है। उन्होंने उस वाक्य को याद करते हुए एक अच्छे मेंटर के होने का महत्व बताया, जिन्होंने उन्हें सही राह दिखाई।
उन्होंने कहा,गली क्रिकेट में हर कोई खुद को एक ऑलराउंडर के रूप में समझता है। जब मैं अपनी बहन के साथ पहली बार अकादमी में गया था, और कोच ने मुझसे पूछा कि मैंने क्या किया, तो मैंने कहा कि सब कुछ। इसके बाद कोच ने मुझमें कुछ देखा। उन्होंने मुझे गेंद सौंपी और तब से मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
भुवनेश्वर को पिछले साल दो अक्टूबर को आईपीएल 2020 में चेन्नई सुपर के खिलाफ खेले गए मैच में जांघ में चेन्नई की पारी के 19वें ओवर के दौरान चोट लगी थी और वह केवल एक ही गेंद फेंकने के बाद मैदान से बाहर चले गए थे। भुवनेश्वर इसके बाद बेंगलुरु के राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में अपनी चोट से उबर रहे थे और वह रिहेबिलिटेशन पूरा कर रहे थे।