न्यूयार्क : युवा बियांका आंद्रिस्कू कनाडा की पहली ग्रैंडस्लैम चैम्पियन बन गई जिसने 23 बार की ग्रैंडस्लैम विजेता सेरेना विलियम्स को 6-3, 7-5 से हराकर अमेरिकी ओपन महिला एकल खिताब जीता। उन्नीस बरस की आंद्रिस्कू पिछले 15 साल में सबसे युवा ग्रैंडस्लैम चैम्पियन भी बनी। इससे पहले अमेरिकी ओपन 2004 में स्वेतलाना कुजनेत्सोवा ने खिताब जीता था। सेरेना की किसी ग्रैंडस्लैम फाइनल में लगातार चौथी हार है जिससे रिकार्ड की बराबरी वाले 24वें ग्रैंडस्लैम का उनका इंतजार और लंबा हो गया।
आंद्रिस्कू ने कहा कि मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती कि कैसा महसूस कर रही हूं। मैने इस पल के लिये बहुत मेहनत की है। इस सत्र में आंद्रिस्कू का शीर्ष 10 रैंकिंग वाले खिलाड़ियों के खिलाफ रिकार्ड 8-0 का था। इस जीत के बाद वह रैंकिंग में पांचवें स्थान पर पहुंच जायेगी। आंद्रिस्कू ने मोनिका सेलेस की भी बराबरी कर ली जिन्होंने 1990 में चौथा ग्रैंडस्लैम खेलते हुए ही खिताब जीत लिया था।
सेरेना की अमेरिकी ओपन फाइनल में लगातार दूसरी हार है। उन्होंने कहा कि बियांका ने अद्भुत खेल दिखाया। मुझे उस पर गर्व है। यदि वीनस के अलावा किसी और के जीतने पर मुझे खुशी होती तो वह बियांका है। सेरेना ने 1999 में पहला ग्रैंडस्लैम जीता था तब आंद्रिस्कू पैदा भी नहीं हुई थी। वह पिछले दो साल में फ्लशिंग मीडोस पर मुख्य ड्रा में भी जगह नहीं बना सकी थी।
नाकामियों के बावजूद सपने पूरे करने का हौसला बनाये रखा
एक बरस पहले लगातार मिली नाकामियों और चोट के कारण विश्व रैंकिंग में शीर्ष 200 के बाहर हो चुकी बियांका आंद्रिस्कू को यकीन था कि एक दिन उसके सपने जरूर पूरे होंगे और सेरेना विलियम्स जैसी धुरंधर को हराकर अमेरिकी ओपन खिताब जीतकर वह युवा खिलाड़ियों के लिये नज़ीर बन गई है। पिछले साल इस सतय आंद्रिस्कू अमेरिकी ओपन के मुख्य ड्रा में जगह नहीं बना पाने के बाद चोटिल होकर घर बैठी थी।
यहां 23 बार की चैम्पियन सेरेना को हराकर खिताब जीतने के बाद उन्होंने कहा कि यह जीवन की प्रक्रिया है। हमेशा वक्त अच्छा या बुरा नहीं रहता। आपको अपने सपने पूरे करने के लिये मेहनत करते रहनी होती है। एक दिन बिगड़ी किस्मत संवर ही जाती है। कनाडा की पहली ग्रैंडस्लैम एकल चैम्पियन 19 बरस की आंद्रिस्कू ने कहा कि यह पहली बार नहीं था जब मैने सेरेना विलियम्स के खिलाफ फाइनल खेलने की कल्पना की होगी। यह अद्भुत है।
यह लंबे समय से मेरा सपना था और मुझे यकीन था कि यह पूरा होगा। उन्होंने कहा कि यह मेरा लक्ष्य था कि कनाडा के खिलाड़ियों के लिये प्रेरणा बनूं। उम्मीद है कि अब ऐसा होगा। यदि मैं जीत सकती हूं, रोजर फेडरर जीत सकते हैं, सेरेना जीत सकती है, स्टीव नैश (दो बार एनबीए के सबसे कीमती खिलाड़ी) जीत सकते हैं तो कोई भी जीत सकता है।