बेंगलुरू : दिल्ली की टीम को शनिवार को होने वाले विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में मजबूत मुंबई को हराने के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा जिसे घरेलू टूर्नामेंट की पांरपरिक ‘महाशक्ति’ समझा जाता है। दोनों टीमें हर विभाग में बेहतर खेल दिखा रही हैं लेकिन तेज गेंदबाजी में दिल्ली का पलड़ा थोड़ा भारी है जिसमें नवदीप सैनी और कुलवंत खेजरोलिया चिन्नास्वामी स्टेडियम की मददगार परिस्थितियों में बेहतरीन गेंदबाजी कर रहे हैं। वहीं मुंबई की कई सितारों से सजी बल्लेबाजी लाइन अप में अजिंक्य रहाणे, पृथ्वी शॉ और फार्म में चल रहे श्रेयस अय्यर शामिल हैं।
इससे मुंबई को रोहित शर्मा की कमी नहीं खलनी चाहिए जो क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में खेले थे लेकिन अब रविवार से वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय वनडे टीम से जुड़ गये हैं। मुंबई ने इससे पहले दो बार टूर्नामेंट जीता है। उसने क्वार्टर फाइनल में बिहार और सेमीफाइनल में हैदराबाद को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। तेज गेंदबाज धवल कुलकर्णी और तुषार देशपांडे ने अहम मौकों पर अच्छा प्रदर्शन किया, इसी तरह बायें हाथ के युवा स्पिनर शम्स मुलानी ने भी बेहतरीन गेंदबाजी की जिससे वह टूर्नामेंट में 16 विकेट चटकाकर मुंबई के सबसे ज्यादा विकेट विकेट वाले गेंदबाज बने हुए हैं। कप्तान श्रेयस ने टीम के नेतृत्व की जिम्मेदारी बखूबी निभाते हुए दो शतक और एक अर्धशतक से 122 के औसत से 366 रन जुटाये हैं।
वहीं पृथ्वी ने अभी तक चार मैच खेले और इन सभी में अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित किया, उन्होंने सेमीफाइनल में तेजी से जुटाये गये 61 रन के अलावा 87 के औसत से 348 रन बनाये। हालांकि नवदीप और कुलवंत के खिलाफ इनकी बल्लेबाजी की परीक्षा होगी। दिल्ली के ये दोनों तेज गेंदबाज और बाकी टीम फाइनल में आक्रामक खेल दिखाने के लिये बेताब होगी जैसा कि उन्होंने दूसरे सेमीफाइनल में झारखंड के खिलाफ प्रदर्शन से दिखाया। गौतम गंभीर की अगुवाई वाली टीम टूर्नामेंट से बाहर होने की कगार पर पहुंच गयी थी लेकिन नौंवे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे पवन नेगी ने कड़े दबाव में समझदार पारी खेलकर मैच के अंतिम ओवर में दिल्ली को फाइनल में पहुंचाया। फार्म में चल रहे गंभीर पिछले मैच में भले ही चूक गये हों लेकिन उनके ध्रुव शौरी और नीतिश राणा के साथ तूफानी बल्लेबाजी करने की उम्मीद है।