बीसीसीआई ने डोप टेस्ट में फेल होने के बाद भारतीय टीम के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को 8 महीने के लिए क्रिकेट के सारे प्रारुपों से बैन कर दिया है। बता दें कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई को कुछ दिन पहले ही सरकार ने एंटी डोपिंग सिस्टम के लिए उनकी तगड़ी क्लास लगाई थी।
बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी को खेल मंत्रालय की तरफ से कड़े शब्दों में पत्र भेजा गया था और उसमें बीसीसीआई के एंटी डोपिंग प्रोग्राम में कई तरह की खामियों की बात की गई थी। साथ ही कहा था कि हितों का टकराव भी है खुद ही बीसीसीआई टेस्ट लेता है और सजा भी खुद ही दे देता है।
डोप टेस्ट का अधिकार नहीं है बीसीसीआई के पास
खबरों के अनुसार डोप टेस्ट का अधिकार बीसीसीआई के पास नहीं है। भारत सरकार और न वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी यानी वाडा की तरफ से बीसीसीआई को अधिकृत नहीं किया गया है। 26 जून को खेल मंत्रालय के इस पत्र के हवाले से खबरें यह आ रही हैं कि, वाडा के नियमों की धारा 5.2 के तहत कहा गया है कि अधिकृत एंटी डोपिंग संगठन के पास खिलाड़ियों से सैंपल लेने का अधिकार है। वाडा के तहत कोई एंटी डोपिंग संगठन बीसीसीआई के पास नहीं है और ना ही ऐसी कोई ताकत उसके पास है।
इस मसले में बोर्ड ने कहा है कि नाडा की डोपिंग टेस्ट में कई सारी कमियां हैं जिसकी वजह से बोर्ड इन नियमों को नहीं मानता है। इतना ही नहीं बोर्ड ने कहा है कि सरकारी मदद से चलने वाली बीसीसीआई कोई नेशनल फेडरेशन नहीं है और ना ही वह नाडा के अधिकार क्षेत्र में आती है।
सस्पेंड हैं शॉ 15 नवंबर तक
बीसीसीआई ने बीते मंगलवार को डोप टेस्ट में फेल होने के बाद पृथ्वी शॉ को 15 नवंबर 2019 तक क्रिकेट के सारे प्रारूपों से सस्पेंड कर दिया है। पृथ्वी शाॅ ने बताया था कि कप सीरप में बैन वाली दवा पाई जाती है तो उन्होंने गलती से ले ली थी।