"दूसरों के लिए गड्ढा खोदा...": हरभजन सिंह ने किया भारत की शर्मनाक हार का विश्लेषण

भारत की शर्मनाक हार पर हरभजन सिंह का बयान, 'पिचें टेस्ट क्रिकेट के लिए नहीं थीं अनुकूल'
"दूसरों  के लिए गड्ढा खोदा...": हरभजन सिंह ने किया भारत की शर्मनाक हार का विश्लेषण
Published on

पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने भारत बनाम न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज के दौरान खेली गई पिच की स्थिति की आलोचना की है | सीरीज के दूसरे और तीसरे टेस्ट में न्यूजीलैंड के स्पिनरों ने भारतीय स्पिनरों से बेहतर प्रदर्शन किया वही भारतीय बल्लेबाज़ भी स्पिन के खिलाफ काफी संघर्ष करते दिखे | 

हरभजन सिंह ने पुणे और मुंबई की पिचों की आलोचना की जो की टर्न वाली पिच थी और जहाँ दोनों पक्ष रन बनाने में संघर्ष करती दिखी | तीसरे टेस्ट में महज़ 146 रनों का पीछा करते हुए भारतीय  टीम 121 रनों पर ऑल आउट हो गई जिसके बाद अब हरभजन का कहना है की  भारत ने अपनी कब्र खुद खोदी है | 

ANI से बातचीत करते हुए हरभजन ने कहा, "दूसरो के लिए गड्ढा खोदा, खुद गिर गए|” ऑस्ट्रेलिया का दौरा ज्यादा मुश्किल होगा, लेकिन एक अच्छी बात यह है की पींचे क्रिकेट के लिए बेहतर होंगी | यहाँ पिचें स्पिन के लिए काफ़ी ज़्यादा अनुकूल थीं। अगर खेल ढाई या तीन दिन में खत्म हो जाता है तो यह टेस्ट क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं है | टेस्ट क्रिकेट पांच दिन तक खेला जाना चाहिए जहाँ दोनों टीमें अच्छा खेल सके | अगर हम इस तरह की पिचें बनाते हैं तो कई बार एक टीम को फ़ायदा मिल सकता है। परिस्थितियों से बार-बार छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए," हरभजन ने आगे कहा | 

बता दे दूसरे टेस्ट में न्यूज़ीलैंड के स्पिनर मिचेल सेंटनर ने लाजवाब गेंदबाज़ी की और  13 विकेट  लेकर अपनी टीम को जीत दिलाई | तीसरे टेस्ट में सेंटनर की अनुपस्थिति में कीवी टीम के स्पिनर अजाज़ पटेल  ने 11 विकेट लिए और पूरी भारतीय बल्लेबाज़ी को ध्वस्त कर दिया | 

दूसरे और तीसरे टेस्ट, दोनों में ही न्यूजीलैंड और भारत किसी भी पारी में 300 रनों का आकड़ा पार नहीं कर पाए, जबकि भारत ने मुंबई में केवल एक बार पहली पारी के दौरान 250 का आकड़ा पार किया था | भारतीय टीम को इस सीरीज में न्यूजीलैंड के हाथों 3-0 से क्लीन स्वीप मिला और अब नवंबर में ही उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है जो ऑस्ट्रेलिया में ही खेली जायेगी | 

Related Stories

No stories found.
logo
Punjab Kesari
www.punjabkesari.com