मेलबर्न : सेरेना विलियम्स ने उक्रेन की किशोरी दयाना यास्त्रेमस्का को टेनिस का कड़ा सबक सिखाकर शनिवार को यहां आस्ट्रेलियाई ओपन महिला एकल के अंतिम-16 में जगह बनायी जबकि पुरूषों में शीर्ष वरीय नोवाक जोकोविच को आगे बढ़ने की राह में पहली बार सेट गंवाना पड़ा जिसके लिये उन्होंने ‘फ्लड लाइट’ को दोष दिया। मारग्रेट कोर्ट के रिकार्ड 24 ग्रैंडस्लैम एकल खिताब की बराबरी की कवायद में लगी सेरेना ने विश्व में 57वें नंबर की यास्त्रेमस्का को 6-2, 6-1 से हराया।
उनका अगला मुकाबला विश्व में नंबर एक सिमोना हालेप से होगा जिन्होंने सेरेना की बड़ी बहन वीनस को 6-2, 6-3 से शिकस्त दी। दो साल पहले दो महीने की गर्भवती होने के बावजूद यहां अपना 23वां ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाली सेरेना को इस बार 16वीं वरीयता दी गयी है लेकिन वह खिताब की प्रबल दावेदार हैं। सेरेना ने 1999 में जब अपना पहला खिताब जीता था तब उनकी प्रतिद्वंद्वी यास्त्रेमस्का का जन्म भी नहीं हुआ था।
पुरूष एकल में खिताब के प्रबल दावेदार जोकोविच ने कनाडा के डेनिस शापोवालोव को 6-3, 6-4, 4-6, 6-0 से हराया लेकिन इस बीच उन्होंने एक सेट भी गंवाया। रिकार्ड सातवें आस्ट्रेलियाई ओपन खिताब की कवायद में लगे जोकोविच तीसरे सेट में जब 3-0 से आगे चल रहे थे तो खिली धूप के बीच में रॉड लेवर एरेना पर दूधिया रोशनी भी चमक उठी। इससे जोकोविच की एकाग्रता टूट गयी और उन्होंने अगले सात में से छह गेम गंवा दिये।
उन्होंने फ्रेंच अंपायर डेमियन डुमुसोइस से भी पूछा कि रोशनी क्यों जलायी गयी। सर्बिया के 17 बार के ग्रैंडस्लैम चैंपियन जोकोविच ने बाद में कहा कि मुझे लगता है कि तब दूधिया रोशनी करने का कोई मतलब नहीं था। तब पांच बज रहे थे और इसके बाद अगले चार घंटे तक प्रकाश रहता है। हालांकि इसके बाद जोकोविच अपनी लय में आ गये।