नयी दिल्ली : बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने आज अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेटरों को केंद्रीय अनुबंध देने की प्रक्रिया पर सवाल उठाये और कहा कि इस मामले में किसी भी पदाधिकारी को संज्ञान में नहीं लिया गया। सीओए सदस्य डायना एडुल्जी ने हालांकि आरोप लगाया कि बीसीसीआई वित्त समिति तीन बार याद दिलाये जाने के बावजूद केंद्रीय अनुबंध को दबाये बैठी थी तथा चौधरी सहित सभी पदाधिकारियों को सूचित किया गया था। अक्तूबर 2017 से सितंबर 2018 तक के लिये अनुबंध कल घोषित किये गये जिसमें खिलाड़ियों को मिलने वाली धनराशि में काफी बढ़ोतरी की गयी है। चौधरी ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं पक्के तौर पर आपसे कह सकता हूं कि मैं इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं था। मैं आपको यह भी कह सकता हूं कि बोर्ड से कोई भी इसमें शामिल नहीं था। मैं सीनियर चयन समिति का समन्वयक भी हूं और कोई बैठक नहीं बुलायी गयी थी। अगर वे (केंद्रीय अनुबंध) मेरे पास आते हैं तो मैं उस पर हस्ताक्षर नहीं करूंगा।’’
एडुल्जी ने इसके जवाब में कहा कि चयनकर्ताओं की शनिवार को बैठक हुई थी और उन्होंने खिलाड़ियों के ग्रेड तय किये। एडुल्जी ने कहा, ‘‘हमने बीसीसीआई वित्त समिति को तीन बार पत्र लिखे (पहली बार अक्तूबर और हाल में जनवरी में), लेकिन जवाब नहीं मिला। अब खिलाड़ियों का बीमा का भी नवीनीकरण होना है इसलिए हमने अनुबंध पर फैसला किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको कह सकती हूं कि चयनकर्ताओं की शनिवार को बैठक हुई और ग्रेड उन्होंने ही तय किये।’’ आफ स्पिनर जयंत यादव और करूण नायर को पिछले एक साल में भारत की तरफ से नहीं खेलने के बावजूद अनुबंध दिया गया है जबकि श्रीलंका दौरे पर गयी टीम में शामिल ऋषभ पंत को इसमें शामिल नहीं किया गया है जिस पर सवाल उठ रहे हैं। यहां तक कि विश्व कप टीम में जगह के दावेदार श्रेयस अय्यर को अनुबंध नहीं मिला है।
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