बांग्लादेश दौरे पर पहुंची भारतीय टीम को पहले मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा. भारतीय टीम पहले तो लो स्कोरिंग मैच को भी जीतते-जीतते हार गई. पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम ने मात्र 186 रन बनाई. फिर बांग्लादेश के 136 रन पर उनके 9 खिलाड़ियों को वापस पवेलियन भेज दिया था. पर शायद वहां से भारतीय टीम ने मेजबानों को अंडर इसटीमेट कर दिया,कि यहां से मुकाबला तो जीत ही लेंगे पर ऐसा हो नहीं पाया. मेहंदी हसन और मुस्तफिजुर रहमान ने मिलकर अंतिम विकेट के लिए 51 रन की साझेदारी निभाई और अपनी टीम को जीत दिला दी.
वहीं भारतीय टीम को पहले वनडे मुकाबले में 1 विकेट से हार का सामना करना पड़ा. इस हार के भारतीय टीम को दूसरा झटका भी लगा हैं. भारतीय टीम को स्लो ओवर रेट के लिए मैच फीस का 80 प्रतिशत का जुर्माना लगा हैं.
इस मामले में आईसीसी ने कहा है कि मैच रेफरी रंजन मदुगले ने बताया कि भारतीय टीम समय सीमा से 4 ओवर पीछे चल रही थी, जिसकी वजह से टीम पर जुर्माना लगाया गया हैं. आईसीसी ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि आचार संहिता के नियम 2.22 के मुताबिक, खिलाड़ियों पर अपनी टीम के निर्धारित समय में प्रत्येक ओवर की देरी के लिए उनकी मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाता हैं. आईसीसी ने साथ में यह भी बताया कि भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने गलती स्वीकार कर ली है, जिसकी वजह से औपचारिक सुनवाई नहीं हुई.
वहीं कप्तान रोहित शर्मा की बात कर ही रहे हैं तो हम आपको यह भी बता दें कि भारतीय टीम के इस हार के बाद रोहित शर्मा के कप्तानी पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज सबा करीम ने रोहित शर्मा के कप्तानी पर उंगली उठाते हुए कहा है कि भारतीय टीम की गेंदबाजी आखिरी ओवर में अच्छी नहीं रही. मेरे ख्याल में उनकी कप्तानी थोड़ी क्लूलेस थी. उन्होंने आगे कहा कि भारतीय टीम को डेथ ओवरों में कुछ अलग करने की जरूरत है.कुल मिलाकर भारत ने कमजोर क्रिकेट खेली और आसानी से मैच को सौंप दिया.
यहां मैं आपको यह भी बता दूं कि कप्तान रोहित शर्मा ने बीते रविवार को हुए तीन मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में मात्र 27 रन बनाए थे और शाकिब-अल-हसन की गेंद पर बोल्ड हो गए थे. रोहित को टी20 विश्व कप के बाद न्यूजीलैंड दौरे पर से आराम भी दिया गया था और तब टीम के कप्तान शिखर धवन थे. धवन ने भी बतौर कप्तान भारतीय टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन किया हैं. तो अगर भारतीय टीम के सेलेक्टर्स आगे कप्तानी को लेकर सोचते है तो शिखर के रूप में भारतीय टीम के पास विकल्प हैं. उन्होंने एक यंग टीम को अपने साथ लेकर कई सारे द्विपक्षीय सीरीज भारतीय टीम के नाम करवाएं हैं.
हालांकि क्रिकेट फैंस ये बहुत अच्छी तरह से जानते है कि भारतीय टीम अब कोई भी वनडे सीरीज इसी परपस से खेलेगी कि वो अगले साल होने वाले वनडे विश्व कप की तैयारी कर रही हैं. पर एक ही मुकाबले में यह तय कर लेना कि रोहित की कप्तानी में दम नहीं है, तो यह जल्दबाजी हो सकती हैं. अभी पूरा एक साल के आसपास बचा है विश्व कप को शुरू होने में. तो हर खिलाड़ी को पर्याप्त मौका मिलना चाहिए खुद को प्रूफ करने के लिए.