हार्दिक पंड्या की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बहुप्रतीक्षित वापसी से संतुलित हुई भारतीय टीम गुरुवार से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरू हो रही तीन मैचों की वनडे सीरीज में न्यूजीलैंड दौरे की निराशा को पीछा छोड़ना चाहेगी जहां इस प्रारूप में उसे क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा था।
नोवेल कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे और बारिश की आशंका के बीच शुरू हो रही इस सीरीज के लिए भारतीय टीम में पंड्या की वापसी से कप्तान विराट कोहली को बेहतर विकल्प मिलेंगे। भारतीय टीम पिछली सीरीज में न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 की करारी शिकस्त से उबरने की कोशिश भी करेगी।
पंड्या ने पिछला वनडे अंतर्राष्ट्रीय मैच मैनचेस्टर में न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल के रूप में खेला था और उनका पिछला अंतर्राष्ट्रीय मैच पिछले साल सितंबर में बेंगलुरू में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 मुकाबला था। पंड्या ने डीवाई पाटिल कारपोरेट कप में गेंद और बल्ले से शानदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय टीम में वापसी की है।
कप्तान कोहली और कोच रवि शास्त्री स्पष्ट कर चुके हैं कि इस साल होने वाले टी20 विश्व कप को देखते हुए एकदिवसीय मुकाबले उनके लिए प्राथमिकता नहीं है लेकिन टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका की अनुभवहीन टीम के खिलाफ एक और सीरीज गंवाने की स्थिति में नहीं है जिसने स्वदेश में आस्ट्रेलिया को 3-0 से हराया।
भारतीय टीम लगातार पांच अंतरराष्ट्रीय मैच (दो टेस्ट भी शामिल) हार चुकी है और कप्तान कोहली भी खराब फार्म से जूझ रहे हैं। कोहली न्यूजीलैंड के खिलाफ सिर्फ 75 रन बना पाए और अपने आलोचकों को जवाब देने के लिए बेताब होंगे जो मौजूदा कैलेंडर वर्ष में वनडे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की अधिक अहमियत नहीं होने के उनके बयान पर सवाल उठा रहे हैं।
पंड्या के अलावा फिट हो चुके सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (कंधे की चोट) और तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार (स्पोर्ट्स हर्निया) की वापसी से कागज पर भारत की टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जीत की प्रबल दावेदार है। मेहमान टीम के पास हालांकि क्विंटन डिकाक, फाफ डु प्लेसिस और डेविड मिलर जैसे अनुभवी खिलाड़ी मौजूदा हैं। धवन, भुवनेश्वर और पंड्या का अंतिम एकादश में खेलना लगभग तय है जबकि केदार जाधव के बाहर होने से मनीष पांडे को छठे नंबर पर अधिक मौके मिल सकते हैं।
रोहित पिंडली की चोट से उबरने में नाकाम रहे हैं और धवन की वापसी से शीर्ष क्रम को जरूरी अनुभव मिलेगा। न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत के दोनों सलामी बल्लेबाज अनुभवहीन थे जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा था। आस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज के अंतिम वनडे में धवन को चोट लगी थी जिसके कारण वह न्यूजीलैंड दौरे पर नहीं जा पाए थे।
भुवनेश्वर की वापसी से स्लाग ओवरों में भारत की गेंदबाजी मजबूत होगी जहां शारदुल ठाकुर बिलकुल भी प्रभाव नहीं छोड़ पाए।न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दौरान कंधे में चोट लगने के बाद तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को इस सीरीज से आराम दिया गया है। धर्मशाला की तेज गेंदबाजी की अनुकूल पिच पर रविंद्र जडेजा टीम में एकमात्र स्पिनर हो सकते हैं। टीम प्रबंधन के पास हालांकि कुलदीप यादव को भी टीम में शामिल करने का विकल्प होगा।