नई दिल्ली : भारत कब वर्ल्ड कप फुटबॉल में भाग लेगा? इस सवाल का जवाब पिछले पचास सालों से पूछा जा रहा है और भारतीय फुटबॉल फेडरेशन बार-बार सांत्वना भी देता आ रहा है। दुर्भाग्यवश जैसे-जैसे भारतीय फुटबॉल प्रेमियों का कौतूहल बढ़ रहा है, फेडरेशन और फुटबॉल के आका झूठ दर झूठ बोल कर अपने नाकारापन को छिपाते आ रहे हैं। आगामी जून जुलाई में रात भर जाग कर और नींद खराब करने वाले भारतीय फुटबॉल प्रेमी भी जान गये हैं कि फिलहाल अगले तीस-चालीस सालों तक भारतीय फुटबॉल का भाग्य शायद ही चमके। कारण, जैसे-जैसे दुनियां के बाकी देश आगे बढ़ रहे हैं भारतीय फुटबॉल कहीं तेज रफ्तार से पीछे सरक रही है।
अत: देश के फुटबॉल प्रेमियों ने इस बारे में सोचना बंद कर दिया है। भारतीय फुटबॉल के बारे में सोचने का वक्त नहीं है। इस संवाददाता ने जब गोवा, बंगाल, मणिपुर, सिक्किम, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पंजाब, दिल्ली आदि प्रदेशों के खिलाडिय़ों और फुटबॉल प्रेमियों से भारतीय फुटबॉल के बारे में जानना चाहा तो टका सा जवाब मिला, नो इंडियन फुटबॉल प्लीज। ब्राजील, जर्मनी, पुर्तगाल, फ्रांस, इंग्लैंड,अर्जेंटीना के बारे में पूछें।
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(राजेंद्र सजवान)