क्रिकेट से राजनीति में आए भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कहा है कि अगर निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) पहले होती तो भारत के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले टेस्ट में 900 से ज्यादा विकेट लेते। साथ ही गंभीर ने हरभजन सिंह की भी तारीफ करते हुए कहा कि डीआरएस से इस ऑफ स्पिनर को भी फायदा होता।
बता दें, कुंबले के नाम टेस्ट में 619 विकेट हैं। वह भारत के लिए टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। वहीं, विश्व में उनका नंबर तीसरा है। हरभजन ने टेस्ट में भारत के लिए 417 विकेट लिए हैं। गंभीर ने स्पोर्ट्स के एक यूट्यूब चैनल से बातचीत में कहा से इंस्टाग्राम पर बात करते हुए कहा, डीआरएस के साथ कुंबले अपने करियर का अंत 900 से ज्यादा विकेट और हरभजन 700 से ज्यादा विकेट लेकर करते। उन्होंने कहा, यह दोनों कई बार फ्रंटफुट पर ही एलबीडब्ल्यू लेने से चूक गए थे। हरभजन ने केपटाउन में सात विकेट लिए थे। जरा सोचिए कि अगर विकेट स्पिनरों की मददगार होती तो विपक्षी टीम 100 रन भी नहीं बना पाती।
गंभीर ने कुंबले की कप्तानी की भी तारीफ की और यहां तक कह दिया कि वह उन जैसे कप्तान के लिए अपनी जिंदगी भी दे देंगे। उन्होंने कुंबले से जुड़ा एक किस्सा सुनाया जिससे वो टीम में अपनी जगह को लेकर आश्वस्त हो गए थे। गंभीर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2008 में खेली गई सीरीज का जिक्र करते हुए कहा, सहवाग और मैं डिनर कर रहे थे और तभी कुंबले आए और कहा कि तुम दोनों पूरी सीरीज में ओपनिंग करोगे चाहे कुछ भी हो। अगर तुम दोनों आठ बार बिना रन बनाए आउट हो भी जाते हो तो कुछ नहीं। मैंने अपने करियर में किसी से इस तरह के शब्द नहीं सुने। अगर मुझे किसी के लिए अपनी जिंदगी देनी पड़ी तो मैं अनिल कुंबले के लिए दूंगा। वो शब्द अभी भी मेरे दिल में हैं।