बीते गुरुवार चेन्नई में भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीबी चंद्रशेखर का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वीबी चंद्रशेखर के निधन के बारे में बात करते हुए तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन के एक अधिकारी ने कहा कि 21 अगस्त को पूर्व बल्लेबाज चंद्रशेखर का 58वां जन्मदिन था लेकिन वह अपने जन्मदिन से पहले ही दुलिया को अलविदा कह गए।
तमिलनाडु क्रिकेट टीम ने साल 1987-88 में रणजी ट्रॉफी दूसरी बार जीती थी और चंद्रशेखर उस टीम में शामिल थे। उस दौरान रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट में चंद्रशेखर ने क्वार्टर फाइनल में उत्तर प्रदेश के खिलाफ 160 रनों की पारी और फाइनल मैच में रेलवे के खिलाफ 89 रनों की पारी खेली थी।
1988 से 1990 के बीच पूर्व सलामी बल्लेबाज वीबी चंद्रशेखर ने वनडे क्रिकेट में महज 7 वनडे खेले थे और 88 रन ही बनाए थे। साथ ही वनडे क्रिकेट में चंद्रशेखर ने एक अर्धशतक जड़ा बनाया था जो न्यूजीलैंड के खिलाफ इंदौर में खेला था। प्रथम श्रेणी मैचों में वीबी चंद्रशेखर ने 81 मैचों खेलते हुए 4999 रन बनाए। इस दौरान चंद्रशेखर ने अधिकतम स्कोर 237 रन का बनाया था। भारतीय टीम के जब ग्रेग चैपल कोच थे उस दौरान राष्ट्रीय कोच चंद्रशेखर थे।
आईपीएल में चंद्रशेखर चेन्नई सुपर किंग्स के क्रिकेट मैनेजर भी रहे थे। तमिलनाडु प्रीमियर लीग की कांची वीरन टीम के वीबी चंद्रशेखर मालिक भी थे। चंद्रशेखर के लिए क्रिकेट उनकी दुनिया था। अत्याधुनिक क्रिकेट अकादमी भी चेन्नई में वीबी चंद्रशेखर ने खोली थी। भारतीय क्रिकेट जगत वीबी चंद्रशेखर के निधन से शोक में है।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और चंद्रशेखर के करीबी मित्र के.श्रीकांत ने कहा है कि, यह मेरे लिए एक बड़ा झटका है, मैं इस पर विश्वास नहीं कर सकता। वह एक उच्च स्तर के आक्रमक बल्लेबाज थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह भारत के लिए ज्यादा नहीं खेल पाए। हम दोनों ने क्रिकेट के मैदान से दूर होने के बाद एक साथ कमेंट्री भी की। वह एक अच्छे मिजाज के व्यक्ति थे। भारतीय क्रिकेट चंद्रशेखर को उनके योगदान के लिए याद रखेगा।