पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने टीम इंडिया में मतभेद होने का आरोप लगाते हुए मैनेजमेंट पर बहुत से सवाल उठाए हैं। दरअसल गावस्कर का कहना है कि टीम में खिलाडिय़ों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। विराट कोहली को पैटरनिटी लीव देने में कोई दिक्कत नहीं होती है,जबकि टी नटराजन आईपीएल के समय पिता बने तो उन्हें अभी तक भी अपनी बेटी को नहीं देखने जाने दिया गया है।
ऐसा ही कुछ टी. नटराजन के साथ है। बाएं हाथ के यॉर्कर तेज गेंदबाज, जिन्होंने टी20 में शानदार शुरुआत की थी और हार्दिक पंड्या ने टी20 सीरीज पुरस्कार को उनके साथ साझा किया था। गावस्कर ने कहा, नटराजन आईपीएल प्लेऑफ के दौरान पहली बार पिता बने थे। उन्हें सीधे यूएई से ऑस्ट्रेलिया ले जाया गया और फिर उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें टेस्ट सीरीज के लिए वहीं बने रहने के लिए कहा गया, लेकिन टीम के एक हिस्से के रूप में नहीं… बल्कि एक नेट गेंदबाज के रूप में।
आगे गावस्कर ने कहा, नटराजन चार मैचों की सीरीज 19 जनवरी को समाप्त होगी और वह इसके बाद ही अपनी बेटी को पहली बार देख सकेंगे। वहीं विराट कोहली अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए पहले टेस्ट के बाद वापस स्वदेश लौट गए है।
गावस्कर उतरे अश्विन के समर्थन में
सुनील गावस्कर ने टी नटराजन के अलावा रविचंद्रन अश्विन का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा,लंबे समय से अश्विन को संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है इसलिए नहीं कि उनकी गेंदबाजी में कोई कमी लेकिन टीम मीटिंग में बेबाकी से राय रखने पर उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। वहीं टीम मीटिंग में कुछ लोग सिर्फ हां में ही अपना सिर हिलाते हैं। अगर अश्विन एक मैच में ज्यादा विकेट नहीं लेते हैं उन्हें अगले मैच में बाहर कर दिया जाता है, जबकि स्थापित बल्लेबाजों के साथ ऐसा नहीं होता है।
वहीं पूर्व कप्तान अंतिम में बताया कि यही भारतीय क्रिकेट है। अलग-अलग खिलाडिय़ों के अलग-अलग नियम। यदि आप मेरे ऊपर विश्वास नहीं करते है तो अश्विन और नटराजन से पूछ सकते हैं। बता दें कि विराट कोहली की जगह टेस्ट सीरीज के अगल तीन मैचों में अजिंक्य रहाणे कप्तानी करेंगे।