रणजी की ट्रॉफी 41 बार उठा चुकी मुंबई की टीम को इस साल मध्य प्रदेश के हाथों पठकनी खानी पड़ी. मध्य प्रदेश ने 23 साल बाद फाइनल में अपनी जगह बनाई और रणजी ट्रॉफी के बादशाह मुंबई को आसानी से हरा दिया. ये जीत मध्य प्रदेश के लिए अपने आप में खास है. इस टीम के खिलाड़ी के लिए ये खास पल रहा है औऱ खास करके इस टीम के कोच चंद्रकांत पंडित के लिए.
जैसे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सबसे सफल कोच साउथ अफ्रीका मूल के गैरी किर्स्टन है, वैसे ही रणजी ट्रॉफी के सबसे सफल कोच चंद्रकांत पंडित हैं और इस बात का गवाह खुद रणजी का इतिहास देता है.
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब चंद्रकांत पंडित ने किसी टीम को विजेता बनाया, इन्होंने पहले भी रणजी ट्रृॉफी पर धाक जमाने वाली टीम मुंबई को भी 3 बार अपनी कोचिंग से ट्रृॉफी दिलाई है. इसके अलावा विदर्भ के भी कोच बने और लगातार 2 बार चैंपियन बनाया. 23 साल पहले खुद ही मध्य प्रदेश की कप्तानी करते हुए टीम को फाइनल तक पहुंचाया था मगर कर्नाटक से फाइनल में हार का सामना करना पड़ा.
ऐसा माना जाता है कि पंडित जी बहुत सख्त कोच है. उनके अनुशासन को फॉलो करना कोई मामुली बात नहीं है, लेकिन जो भी खिलाड़ी इनके मार्गदर्शन पर चलेगा, जीत निश्चित है उसकी. 2022 रणजी ट्रॉफी की विजेता टीम मध्य प्रदेश के कप्तान आदित्य श्रीवास्तव ने बताया कि पंडित जी ने उन्हें सिर्फ 2 दिन की छुट्टी दी थी, जब उनकी शादी थी.
अब इससे बड़ा उदाहरण और क्या ही हो सकता है एक सख्त कोच का, लेकिन जो भी है, यहीं सच है कि आसमान छुने के लिए त्याग जरुरी है, बिना त्याग के सफलता असंभव है, इस बात को चंद्रकांत पंडित ने सच सिद्ध कर दिया है.
चंद्रकांत पंडित इंटरनेशनल क्रिकेट भी खेल चुके है. वो तब खेला करते थे जब भारत के कप्तान कपिल देव थे. हालांकि उनका अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट ज्यादा नहीं रहा. वो 1986 से 1992 तक क्रिकेट के पिच पर रहे. वो दाएं हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज थे और 5 मैचों में 24.42 की औसत से 171 रन बना पाए थे. वो 138 फस्ट क्लास क्रिकेट भी खेल चुके है, जिसमें उन्होंने 22 शतक और 42 अर्धशतक की मदद से 8209 रन बनाए हैं.