नई दिल्ली : देश के जाने माने क्रिकेटर और यूनिसेफ के सदभावना दूत सचिन तेंदुलकर ने यहाँ त्यागराज नगर स्पोर्ट्स कॉंप्लेक्स पर आयोजित कार्यक्र्म मे रहस्योदघाटन करते हुए कहा कि उनकी अच्छी सेहत का कारण दादी की सीख है। यूनिसेफ इंडिया द्वारा आयोजित ‘वर्ल्ड चिल्ड्रन्सडे’ पैनल डिस्कसन मे सचिन ने कहा कि दादी हमेशा कहा करती थीं ‘हैल्थ इज वैल्थ’ और मैने अपने जीवन मे उनके मंत्र को अपना लिया।
सचिन ने पिछले साल स्पेशल बच्चों के साथ क्रिकेट मैच खेला था।आज उन्होने लगभग आधा घंटे तक बच्चों के साथ फुटबॉल खेली और उनके हर मूव का लुत्फ़ उठाया। इस अवसर पर उन्होने बेहिचक माना कि भारत भले ही सबसे बड़ा युवा राष्ट्र है पर अभी हम अपने युवाओं को सबसे फिट नहीं कह सकते।
अधिकतर न सिर्फ़ कमजोर हैं अपितु अपने कर्तब्य और अधिकारों से भी अनभिग्य हैं। सचिन के अनुसार वह जो कुछ भी हैं अपने माता पिता के आशीर्वाद और गुरु आचरेकर की ट्रेनिंग से हैं। सचिन ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि अपने कार्य के प्रति गंभीर रहें ठीक वैसे ही जैसे मैने क्रिकेट को गंभीरता से लिया।
यूनिसेफ के सदभावना दूत ने क्रिकेट के बारे मे पूछे गये तमाम सवालों को टाल दिया, इतना ज़रूर कहा कि हर बच्चे को कोई ना कोई खेल ज़रूर खेलना चाहिए।
महानतम खिलाड़ियो में से एक है Virat Kohli, लेकिन तुलना में मेरा विश्वास नहीं: सचिन तेंदुलकर
(राजेंद्र सजवान)