1930 में पहली बार खेले गए फीफा विश्व कप में कई सारे रिकॉर्ड बने हैं. वहीं एक रिकॉर्ड ऐसा भी है जो हो सकता है कि 2022 में दूसरी बार ही बन पाए. अगर ऐसा होता है तो यह रिकॉर्ड 32 साल बाद दोहराया जाएगा. जी हां, अब आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह कौन सा रिकॉर्ड हैं. दरअसल 1986 के बाद ऐसा सिर्फ दूसरी बार हुआ है जब दो पिछले फीफा की फाइनलिस्ट उसके अगले फिफा आयोजन के सेमीफाइनल में भी अपनी जगह बनाई हों.
इसका मतलब यह है कि जैसा कि हम सब जानते हैं कि 2018 में हुए फीफा विश्व कप की फाइनलिस्ट थी फ्रांस और क्रोएशिया. वहीं इस बार भी ये दो टीम सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाने में सफल हुई हैं. इससे पहले 1986 फीफा की फाइनलिस्ट अर्जेंटीना और पश्चिम जर्मनी भी 1990 के सेमीफाइनल में जगह बनाने में सफल हुई थी. वहीं 1990 में यही दोनों टीम भी थी जो फाइनल में भी जगह बनाई थी, जिसमें जीत पश्चिम जर्मनी की 1-0 से हुई थी. तब अर्जेंटीना टीम के कप्तान फुटबॉल के महान खिलाड़ी डिएगो माराडोना थे.
वहीं आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि पश्चिम जर्मनी ने 1990 में जीत कर पिछले फीफा विश्व कप के हार का बदला भी चुकाया था, जब 1986 में माराडोना के ही अगुआई में खेलने वाली टीम अर्जेंटीना ने पश्चिम जर्मनी को 3-2 से फाइनल में हरा दिया था. वहीं ऐसा एक बाद फिर से हम सब को देखने मिल सकता है.
क्रोएशिया ने जिस तरह से नंबर-1 टीम ब्राजील को हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई है, वैसे में हम ये कह सकते है कि अर्जेंटीना के लिए फाइनल का रास्ता आसान नहीं होगा, पर हम ये भी कह सकते है कि मेस्सी के रहते अर्जेंटीना के लिए कुछ भी मुश्किल नहीं हैं.
वहीं फ्रांस भी इंग्लैंड के खिलाफ कांटे की टक्कर में जीत हासिल कर सेमीफाइनल में मोरक्को से भिड़ने वाली हैं.
अब क्रोएशिया और फ्रांस अगर फाइनल खेलती है तो फिर क्रोएशिया के लिए बदला लेने का इससे बढ़िया मौका और कोई नहीं हो सकता.
वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब तक 5 बार ही ऐसा हो पाया जब कोई भी टीम फाइनल में लगातार दो बार जगह बना पाए है. इसमें सबसे पहले इटली 1934 और 1938 में यह कारनामा किया था और दोनों ही बार चैंपियन भी बनी थी. इसके बाद ऐसी ही ब्राजील भी 1958 और 1962 में की थी और दोनों बार चैंपियन भी बनी थी. ब्राजील इसके बाद 1994, 1998 और 2002 में भी लगातार फाइनल में अपनी जगह बनाने में सफल हुई थी, जिसमें से इस टीम ने 1994 और 2002 में चैंपियन बनी थी और 1998 में उपविजेता रही थी. वहीं नीदरलैंड भी लगातार 2 बार 1974 और 1978 में फाइनलिस्ट बनी थी, मगर दोनों बार विश्व कप ट्रॉफी उठाने में असफल रही थी. इसके बाद दूसरी सबसे सफल टीम में से एक पश्चिम जर्मनी लगातार 1982, 1986 और 1990 के फाइनल में जगह बनाई थी, मगर जीत सिर्फ 1990 में ही मिली थी, बाकी दो बार उपविजेता होकर संतुष्ट होना पड़ा था. पांचवी और अंतिम टीम अर्जेंटीना है, जोकि 1986 और 1990 में अपनी जगह फाइनल में बना पाई थी, मगर जीत सिर्फ एक बार 1986 में मिली थी.
तो इस बार क्या होगा, ये देखने वाली बात होगी. क्या क्रोएशिया और फ्रांस फाइनल में पहुंचेगी, अगर पहुंची, तो क्या क्रोएशिया डिफेंडिंग चैंपियन को हराकर बदला लेगी, या फिर डिफेंडिंग चैंपियन फिर से चैंपियन बनेगी या फिर आखिरी विश्व कप खेल रहे स्टार खिलाड़ी लियोनेल मेस्सी का सपना होगा पूरा.