स्पॉट फिक्सिंग के मामले में भारतीय क्रिकेट का हिस्सा रहे श्रीसंत का अजीवन प्रतिबंध घटाकर सात साल का कर दिया गया है। प्रतिबंध हटने के बाद श्रीसंत का कहना है कि, अगर उन्हें दोबारा राष्ट्रीय टीम में खेलने का मौका मिला तो उनकी कोशिश टेस्ट में 100 विकेट का आंकड़ा छूने की होगी।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के लोकपाल डी.के. जैन ने श्रीसंत के आजावीन प्रतिबंध को हटाने के आदेश दिए थे। श्रीसंत इस बात से काफी खुश हैं। लोकपाल ने श्रीसंत पर फैसला सर्वोच्च अदालत द्वारा दिए गए आदेश के बाद दिया है। अदालत ने जैन से कहा था कि वह श्रीसंत की सजा तय करे।
बता दें कि श्रीसंत पर आईपीएल-2013 में स्पॉट फिक्सिंग के मामले में आजावीन प्रतिबंध लगाया गया था। जैन ने मंगलवार को फैसला किया कि श्रीसंत का प्रतिबंध 12 सिंतबर 2020 तक रहेगा। प्रतिबंध हटने के बाद श्रीसंथ ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि, “जो मैंने आज सुना उस बात से मैं काफी खुश हूं। मैं अपने सभी शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा करता हूं जिन्होंने मेरे लिए दुआएं की हैं। उनकी दुआ कबूल हो गई है। मैं अब 36 साल का हूं और अगले साल 37 साल का हो जाऊंगा। मेरे अभी टेस्ट में 87 विकेट हैं और मेरा लक्ष्य है कि मैं अपने करियर का अंत 100 टेस्ट विकेटों के साथ करूं। मैं आश्वस्त हूं कि मैं भारत की टेस्ट टीम में वापसी कर सकता हूं। मैं हमेशा से विराट कोहली की कप्तानी में खेलना चाहता था।”
बता दें कि, श्रीसंत केरल के ऐसे दूसरे खिलाड़ी हैं जिन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने भारत के लिए 27 टेस्ट मैचों में 87 विकेट लिए हैं। वहीं 53 वनडे मैचों में उनके नाम 75 विकेट हैं और 10 टी-20 मैचों में वह सात विकेट ले चुके हैं। श्रीसंत भारत की उस टीम का हिस्सा थे, जिसने 2007 में टी-20 और 2011 में वनडे विश्व कप जीता था।