रविवार को श्रीलंका ने यहां तीन मैच की सीरीज के पहले वनडे में भारत को 7 विकेट से रौंद दिया। आपको बता दे कि टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम 38.2 ओवर में 112 रन पर ही ढेर हो गई। जवाब में श्रीलंका ने 20.4 ओवर में 3 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया।
श्रीलंका की तरफ से उपुल थरंगा ने सबसे ज़्यादा 49 रन बनाए, 46 गेंदों की पारी में उन्होंने 10 चौके जड़े। वहीं एंजेलो मैथ्यूज ने नाबाद 25 और निरोशन डिक्वैला ने भी नाबाद 26 रनों की पारी खेली।
आपको बता दे कि कोई सपने में भी नहीं सोच सकता था कि श्रीलंका के अनुभवहीन से दिखने वाले गेंदबाज टीम इंडिया के बल्लेबाजों को उन्हीं के घर में चित कर देंगे। धर्मशाला वनडे में टीम इंडिया के बल्लेबाजों की ऐसी हालत हुई है कि वो मैदान पर किसी चौथे दर्जे की टीम की तरह नजर आए।
वही , विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी को छोड़ सभी भारतीय बल्लेबाज़ों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा और पूरी टीम 38.2 ओवरों में 112 रनों पर सिमट गई।
विकेटों के पतझड़ के बीच वो धोनी ही थे जिन्होंने अपना 300 से अधिक वनडे मैचों का अनुभव धर्मशाला के इस 22 गज के टुकड़े पर झोंक दिया और टीम को अपना नया न्यूनतम स्कोर बनाने से बचा लिया।
शुरूआती विकेटों के बाद टीम इंडिया के विकेट गिरने का सिलसिला जारी रहा और 29 रन तक आते-आते भारतीय टीम के 7 बल्लेबाज़ वापस पवेलियन लौट गए। श्रेयस अय्यर(9 रन), दिनेश कार्तिक(0 रन), पांडे(2 रन), पांड्या(10 रन), भुवनेश्वर(0 रन) सभी बल्लेबाज़ एक के बाद एक वापस पवेलियन लौटते चले गए।
लेकिन इसके बाद धोनी ने कुलदीप यादव के साथ 41 रनों की अहम साझेदारी कर टीम को वनडे प्रारूप में अपने सबसे न्यूनतम पारी के रिकॉर्ड से बचाया। इसके बाद कुलदीप यादव अकिला की गेंद पर 19 रन बनाकर आउट हो गए।
दोनों टीमें –
भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), शिखर धवन, श्रेयस अय्यर, मनीष पांडे, दिनेश कार्तिक, एमएस धोनी, हार्दिक पंड्या, भुवनेश्वर कुमार, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह और युजवेंद्र चहल।
श्रीलंका: थिसारा परेरा (कप्तान), उपुल थरंगा, दनुष्का गुणतिलके, लाहिरु तिरिमाने, एंजेलो मैथ्यूज, असेला गुणवर्धने, निरोशन डिकवेला, सचिथ पथिराना, सुरंगा लकमल, अकिला धनंजय और नुवान प्रदीप।
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