गुवाहाटी : नये साल में भारतीय टीम के श्रीलंका के खिलाफ पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में सभी की निगाहें वापसी करने वाले जसप्रीत बुमराह के प्रदर्शन पर लगी होंगी। पीठ के स्ट्रेस फ्रेक्चर के कारण चार महीने तक बाहर रहे बुमराह इस भारतीय टीम के लिये काफी महत्वपूर्ण हैं और इस साल होने वाले टी20 विश्व कप को देखते हुए उन्हें सतर्कता के साथ इस्तेमाल किया जा रहा है। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के हस्तक्षेप के बाद उन्हें गुजरात के लिए घरेलू प्रथम श्रेणी मैच के लिये भी छूट दे दी गई थी।
ऐसा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वापसी में उनके कार्यभार को ध्यान में रखते हुए किया गया। दोनों के बीच 6 टी-20 सीरीज हुई हैं। भारत को 5 में जीत मिली है, एक ड्रॉ रही। दोनों टीमें 2 साल बाद आमने-सामने हैं। इससे पहले टीम इंडिया ने श्रीलंका को दिसंबर 2017 में टी-20 सीरीज 3-0 से हराई थी। वर्ष 2019 में जहां 50 ओवर के प्रारूप पर ध्यान लगा था तो वहीं मौजूदा साल में टी20 अंतरराष्ट्रीय पर ध्यान लगाया जायेगा। अक्टूबर में पर्थ में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 विश्व कप अभियान शुरू करने से पहले भारतीय टीम इसी मुहिम में करीब 15 टी20 मैच खेलेगी।
इंडियन प्रीमियर लीग के समाप्त होने तक टीम में जगह बनाने वाले खिलाड़ियों के स्थान स्पष्ट होने की संभावना नहीं है। लेकिन मौजूदा कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली इस मौजूदा शृंखला में सभी के प्रदर्शन पर निगाह लगाये होंगे। शृंखला रविवार से बारसापारा स्टेडियम में शुरू होगी और असम में सबसे बड़े शहर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध के बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।
भारतीय टीम साथ ही यह भी देखना चाहेगी कि मुख्य तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (आराम दिया गया), दीपक चाहर (स्ट्रेस फ्रेक्चर) और भुवनेश्वर कुमार (स्पोर्ट्स हर्निया) की अनुपस्थिति में नवदीप सैनी और शार्दुल ठाकुर डेथ ओवरों में बुमराह के साथ दबाव का सामना किस तरह करते हैं। वाशिंगटन सुंदर भी ऐसा प्रदर्शन करना चाहेंगे कि यह सुनिश्चित हो जाये कि किसी भी समय कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल में से अंतिम एकादश में किसी एक का ही चयन हो।
टीमें इस प्रकार है :
भारत- विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, लोकेश राहुल, श्रेयस अय्यर, मनीष पांडे, संजू सैमसन, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), शिवम दुबे, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह, शार्दुल ठाकुर, नवदीप सैनी और वाशिंगटन सुंदर।
श्रीलंका- लसिथ मलिंगा (कप्तान), धनुष्का गुणतिलक, अविष्का फर्नांडो, एंजेलो मैथ्यूज, दासुन शनाका, कुसल परेरा, निरोशन डिकवेला, धनंजय डि सिल्वा, इसुरु उडाना, भानुका राजपक्षे, ओशदा फर्नांडो, वानिंदु हसरंगा, लाहिरु कुमारा, कुसल मेंडिस, लक्षण संदाकन और कसुन राजिता।
दबाव में जीत दिलाने वाले छठे या सातवें नंबर के खिलाड़ी की तलाश
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने शनिवार को कहा कि शीर्ष क्रम की असफलता पर मध्यक्रम जब तक दबाव की परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन नहीं करेगा तब तक भारत के लिये आईसीसी प्रतियोगिताओं में जीत हासिल करना मुश्किल होगा। भारत ने पिछला आईसीसी टूर्नामेंट 2013 में (चैम्पियंस ट्राफी) में जीता था। टीम को कई बार प्रबल दावेदार माना जाता है जिसमें टीम या तो कप्तान या फिर उप कप्तान रोहित शर्मा पर निर्भर रहती है।
इस साल सभी की निगाह टी20 विश्व कप पर टिकी है और कोहली ने साल में पहली मीडिया बातचीत में साथी खिलाड़ियों से अपनी उम्मीदें बतायीं। कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ टी20 शृंखला के शुरूआती मैच से पहले कहा कि हमें ऐसे खिलाड़ी चाहिए जो छठे या सातवें नंबर तक आपको मैच जिताने के लिये तैयार रहें। यह बल्लेबाजी लाइन अप में दो या तीन खिलाड़ियों पर निर्भर होना नहीं है। आप इस तरह से आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत सकते।
उन्होंने कहा कि इसलिये हमारा मुख्य ध्यान खिलाड़ियों को ऐसे हालात की जानकारी देना है और उनसे इस स्थिति में निडर होकर मैच विजेता बनने की उम्मीद करना है। श्रेयस अय्यर ने अपनी वापसी के बाद से अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन दबाव की परिस्थितियों में उनकी परीक्षा नहीं हुई है। ऋषभ पंत की हालांकि निरंतर अच्छा प्रदर्श नहीं करने के लिये आलोचना की जाती रही है।
कोहली ने कहा कि ये अगली कुछ शृंखलायें यह देखने के लिये बहुत रोमांचक होंगी कि कौन दबाव भरे हालात में अच्छा प्रदर्शन करता है। और जब शीर्ष क्रम में मैं या रोहित या फिर लोकेश राहुल या शिखर नहीं चलते तो वे कैसा खेल दिखाते हैं।