नई दिल्ली : भारतीय मुक्केबाजों ने सर्बिया के सुबोटिका में 36वें गोल्डन ग्लव वोजवोदिना युवा टूर्नामेंट में बादशाहत जारी रखते हुए सात स्वर्ण पदक हासिल कर ओवरआल शीर्ष स्थान हासिल किया। भारत के चार पुरूष और तीन महिला मुक्केबाजों ने टूर्नामेंट में सोने का तमगा हासिल किया जिसमें 17 देशों ने शिरकत की। भारत ने स्वर्ण के अलावा छह रजत और चार कांस्य से कुल मिलाकर 17 पदक अपने नाम किये। रूस ने 11 पदक (तीन स्वर्ण, दो रजत और छह कांस्य) प्राप्त किये लेकिन वह कजाखस्तान के बाद तीसरे स्थान पर रहा जिसने उससे ज्यादा पांच स्वर्ण से कुल सात पदक जीते।
भारत के लिये अमन (91 किग्रा से अधिक), आकाश कुमार (56 किग्रा), एस बरूण सिंह (49 किग्रा), विजयदीप (69 किग्रा), नीतू (48 किग्रा), दिव्या पवार (54 किग्रा) और ललिता (69 किग्रा) ने स्वर्ण पदक अपने नाम किये। अमन को ड्रा में महज दो मुक्केबाजों की मौजूदगी से सीधे फाइनल में प्रवेश मिला था, उन्होंने हंगरी के लाजलो फेलफोल्डी को 5-0 से हराकर शीर्ष स्थान हासिल किया। बरूण ने दर्शकों के पसंदीदा मुक्केबाज राडे जोकसिमोविच को 4-1 से हराया। आकाश को हालांकि अर्जेंटीना के जेहेल मिर्को क्यूएलो पर 3-2 की जीत के दौरान पसीना बहाना पड़ा। विजयदीप को भी चुनौतीपूर्ण मुकाबला खेलना पड़ा, उन्होंने हालांकि कजाखस्तान के अजात असानोव को 3-2 से शिकस्त दी।
महिलाओं के ड्रा में नीतू ने स्काटलैंड की बिली डेनहोम को 5-0 से पराजित किया, दिव्या ने भी सर्बिया की दाजाना ग्रुमुसा पर इसी अंतर से जीत दर्ज की। ललिता ने रूस की एंजलिना काबाकोवा को 4-1 से मात दी। रजत पदक जीतने वालों में मौजूदा युवा विश्व चैम्पियन ज्योति गुलिया (51 किग्रा) शामिल हैं, जिन्हें इटली की मार्टिना पियाना को करीबी मुकाबले में 2-3 से हार मिली। मनीषा (64 किग्रा) भी रूस की लाना मालियूगानोवा से इसी अंतर से हार गयीं। सीधे फाइनल में प्रवेश करने वाली नेहा यादव (81 किग्रा से अधिक) को कजाकस्तान की दीना इस्लामबेकोवा से 0-5 से पराजय मिली।
पुरूष स्पर्धाओं में अंकित को स्काटलैंड के रीस लिंच से 1-4 से जबकि आकाश (64 किग्रा) को थाईलैंड के बानाफोन पैनोन से 2-3 से मात का सामना करना पड़ा। नितिन कुमार (75 किग्रा) भी करीबी मुकाबले में थाईलैंड के वीरापोन जोंगजोहो से हार गये। साक्षी (51 किग्रा), साक्षी गैधानी (81 किग्रा), भावेश किट्टीमानी (52 किग्रा) और अनामिका (51 किग्रा) अपनी सेमीफाइनल बाउट हार गयी जिससे उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।