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भारतीय पैरालंपिक पदक विजेताओं का देश लौटने पर जोरदार स्वागत, बड़ी संख्या में जुटे फैंस

स्वर्ण पदक विजेता भाला फेंक एथलीट सुमित अंतिल सहित चार भारतीय पैरा खिलाड़ी शुक्रवार को स्वदेश लौटे और उनका इतना जोरदार स्वागत हुआ कि उनके समर्थकों और मीडिया में यहां हवाईअड्डे पर उनकी एक झलक लेने के लिये धक्का-मुक्की भी हो गयी।

स्वर्ण पदक विजेता भाला फेंक एथलीट सुमित अंतिल सहित चार भारतीय पैरा खिलाड़ी शुक्रवार को स्वदेश लौटे और उनका इतना जोरदार स्वागत हुआ कि उनके समर्थकों और मीडिया में यहां हवाईअड्डे पर उनकी एक झलक लेने के लिये धक्का-मुक्की भी हो गयी। 
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसमें खेल प्रेमियों और मीडियाकर्मियों ने इन चार पैरा खिलाड़ियों विशेषकर सुमित को देखने और बात करने के लिये कोविड-19 प्रोटोकॉल की अवहेलना की। 
सुमित के अलावा तीन बार के पैरालंपिक पदक विजेता भाला फेंक एथलीट देवेंद्र झाझरिया, चक्का फेंक एथलीट योगेश कथूनिया और ऊंची कूद एथलीट शरद कुमार का भी गर्मजोशी से स्वागत किया गया। झाझरिया ने इस बार रजत पदक जीता है। कथूनिया ने भी रजत और शरद ने कांस्य पदक जीता है। 
भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने ट्वीट में लिखा, ‘‘हमारे चैम्पियन स्वदेश लौट आये हैं और पहुंचने पर बहुत खुश हैं। सुमित, झाझरिया, कथूनिया और शरद के लिये शुभकामनाओं की बारिश हो रही है। ’’ साइ अधिकारियों ने चारों खिलाड़ियों का पहुंचने पर फूल माला पहनाकर और फूलों का गुलदस्ता भेंटकर स्वागत किया। 
शाम को यहां पहुंचे रजत पदक विजेता ऊंचीकूद खिलाड़ी मरियप्पन थंगावेलु का भी इसी तरह से स्वागत किया गया। रियो पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले थंगावेलु का मीडियाकर्मियों के भीड़ के बीच ढोल-नगाड़ों से स्वागत किया गया। लोगों की बड़ी संख्या के कारण इस 26 वर्षीय खिलाड़ी को अपनी कार तक पहुंचने के लिए संघर्ष करना पड़ा। 
खिलाड़ियों ने अपने पदकों के साथ हवाईअड्डे के अंदर फोटो भी खिंचवाई । उनके प्रशंसक तिरंगा लहरा रहे थे जिनमें से कुछ ढोल भी बजा रहे थे। इनमें से ज्यादातर मास्क के बिना थे और वे इन चारों को फूल माला पहनाने के लिये एक दूसरे से धक्का-मुक्की कर रहे थे। वहीं हवाईअड्डे से बाहर निकलते ही मीडियाकर्मी भी उनकी प्रतिक्रिया लेने के लिये जूझ रहे थे। 
सुमित (23) ने एफ64 वर्ग में पांच बार अपने ही विश्व रिकॉर्ड को तोड़ते हुए स्वर्ण पदक जीता जबकि दो बार के स्वर्ण पदक विजेता झाझरिया ने एफ46 वर्ग में रजत पदक जीता। कथूनिया ने चक्का फेंक एफ56 वर्ग में रजत और शरद ने टी42 ऊंची कूद में कांस्य पदक जीता। भारत ने दो स्वर्ण सहित अभी तक कुल 13 पदक जीत लिये हैं। यह पहली बार है जब पैरालंपिक में देश के खिलाड़ियों ने पदकों में दोहरे अंक को पार किया।   

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