नई दिल्ली : अंडर 17 फीफा वर्ल्ड कप में भारत के लिए खेलने वाले भारतीय खिलाडी कल तक कोच और मैनेजर पुर्तगाल के डी मातोस को विश्व स्तर के और बेहद प्रतिभावान नजर आते थे । लेकिन अब उनकी राय कुछ बदली है। खासकर गोल कीपर धीरज सिंह का असमय स्कॉटिस प्रोफेशनल क्लब से जुड़ने वाला कदम उन्हें रास नहीं आया है।
वर्ल्ड कप के बाद भारतीय टीम के ज्यादातर खिलाडियों ने आई लीग के लिए इंडियन एरोज से अनुबंध किया था। उनमे धीरज भी शामिल था और दमदार प्रदर्शन कर रहा था। आई लीग में इंडियन एरोज ने मोहन बागान से ड्रा खेलकर वाह-वाह लूटी । इस मुकाबले में धीरज हीरो रहा। मातोस ने उसकी तारीफों के पुल बांध दिए। लेकिन जैसे ही उसकी गैर मौजूदगी में ईस्ट बंगाल से हार मिली तो पुर्तगाली कोच को धीरज सहित तमाम खिलाडी अभी अपरिपक्व लगने लगे है।
कोच के अनुसार धीरज ने यूरोप में खेलने के लिए गलत समय चुना है । अभी उसे कुछ और समय आई लीग और अन्य मैचों में खेलना चाहिए था। उनके अनुसार स्कॉटलैंड या इंग्लैण्ड के किसी क्लब में चुने जाने के बाद भी इस बात की कोई गारंटी नहीं कि उसे खेलने का मौका मिल पाएगा। बेशक, धीरज के जाने से क्लब की मुसीबतें बढ़ी हैं । साथ ही मातोस भी मुखर हुए है । उन्हें पता है की भारतीय खिलाडी अभी बड़े मुकाबलों के लायक नहीं हैं और मनमाने फैसलों से उन्हें नुक्सान हो सकता है। जैसे जैसे आई लीग आगे बढ़ रही है भारतीय फुटबॉल का कल कहे जा रहे खिलाडी एक्सपोज होने लगे हैं । उनमे से अधिकांश बेहद साधारण लगते हैं ।
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