साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी20 मैच में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की युवा खिलाड़ी शेफाली वर्मा ने 46 रनों की पारी खेलकर सबको प्रभावित कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शेफाली वर्मा ने 15 साल की उम्र में डेब्यू करके सबसे महिला युवा खिलाड़ी बन गई हैं।
साउथ अफ्रीका और भारत के बीच में टी20 सीरीज का दूसरा मैच सूरत में खेला गया और इस मैच में उन्होंने 46 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली। इस सीरीज के दूसरे मैच में शून्य पर शेफाली आउट हो गईं थीं इसके बाद वह निराश नहीं हुई और दूसरे मैच में अपनी जबरदस्त पारी से सबका ध्यान खींच लिया।
हरियाणा के रोहतक की शेफाली रहने वाली हैं। क्रिकेट का सफर शेफाली के लिए बहुत कठिन था। लड़कियों के लिए रोहतक में कोई क्रिकेट एकेडमी नहीं है जिसकी वजह से शेफाली ने लड़का बनकर क्रिकेट खेलना शुरु किया।
मिन्नतें करने के बाद भी कोई नहीं माना
एक रिपोर्ट के मुताबिक, संजीव वर्मा शेफाली के पिता जब वह क्रिकेट एकेडमी दाखिला करवाने गए तो वहां मना कर दिया गया कि शेफाली लड़की है इसलिए इसे हम दाखिला नहीं देंगे।
संजीव वर्मा ने कहा कि एकेडमी में दाखिला करवाने के लिए हमें कई मिन्नतें की थी लेकिन उन्होंने नहीं किया। उसके बाद उन्होंने फैसला किया कि शेफाली को दाखिला करवाना है तो उसे लड़का बनाना पड़ेगा जिसके लिए शेफाली के बाल उन्होंने लड़कों की तरह रखने शुरु कर दिए। उसके बाद क्रिकेट एकेडमी में शेफाली को दाखिला दे दिया गया।
ज्वैलरी की दुकान है पिता की
रोहतक में एक छोटी सी ज्वैलरी की दुकान शेफाली के पिता की है। शेफाली ने कहा कि लड़कों के साथ क्रिकेट खेलना बिल्कुल भी आसान नहीं था। कई बार तो शेफाली के हेलमेट पर गेंद लग जाती थी। इतना ही नहीं हेलमेट की जाली कई बार टूटी भी है। इन सब परेशानियों के बाद भी शेफाली ने हार नहीं मानी और वह खेलती रहीं।
सचिन तेंदुलकर हरियाणा के लाहली में साल 2013 में अपना अंतिम रणजी ट्रॉफी मैच खेले गए थे। उस मैच को स्टेडियम देखने शेफाली अपने पिता के साथ गई थीं। सचिन को क्रिकेट खेलते हुए देखकर शेफाली बहुत प्रेरित हुई थी। दिग्गज क्रिकेटर मिताली राज और डेनियल वेट शेफाली के शानदार प्रदर्शन की मुरीद हैं।
ताने मारते थे पड़ोसी
शेफाली ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करते हुए 1923 रन बनाए हैं। घरेलू क्रिकेट में शेफाली ने 6 शतक और 3 अर्धशतक जड़े हैं। शेफाली 10वीं कक्षा में हैं। शेफाली की ही तरह क्रिकेट सीख रही है उनकी छोटी बहन।
शेफाली के पिता ने कहा कि पड़ोसी शुरुआत में ताने मारते थे और कहते थे कि क्रिकेट में कोई भविष्य नहीं है लड़कियों का लेकिन महिला आईपीएल में जब शेफाली ने खेलना शुरु किया ताे सबकी बोलती बंद हो गई।