लंदन : उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) विश्व कप में भारत के प्रदर्शन की कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली के साथ समीक्षा करके अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप के लिये खाका तैयार करेगी। विनोद राय की अध्यक्षता वाली समिति प्रमुख चयनकर्ता एमएसके प्रसाद से भी बात करेगी। समिति में डायना एडुल्जी और लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) रवि थोडगे भी हैं।
राय ने कहा कि कप्तान और कोच के ब्रेक से लौटने के बाद बैठक जरूर होगी। मैं तारीख और समय नहीं बता सकता लेकिन हम उनसे बात करेंगे। हम चयन समिति से भी बात करेंगे। उन्होंने आगे ब्यौरा देने से इनकार कर दिया। राय ने कहा कि भारत का अभियान अभी खत्म हुआ है। कहां, कब और कैसे जैसे सवालों का मैं आपको कोई जवाब नहीं दे सकूंगा। शास्त्री, कोहली और प्रसाद को कुछ सवालों का जवाब देना पड़ सकता है।
इसके अलावा मौजूदा चयन समिति बीसीसीआई की आमसभा की बैठक तक बनी रहेगी। ऐसे में प्रसाद को चयन बैठकों में अधिक सक्रिय रहने की सलाह दी जा सकती है। असल में समस्या प्रसाद से नहीं बल्कि शरणदीप सिंह और देवांग गांधी से है क्योंकि कइयों का मानना है कि उनका कुछ योगदान नहीं रहता।
किन-किन सवालों से कोहली-शास्त्री को होना पड़ सकता है रूबरू
सवाल नंबर एक- आखिरी सीरीज तक अंबाती रायुडू का चयन तय था लेकिन अचानक वह चौथे नंबर की दौड़ से बाहर कैसे हो गए। विजय शंकर को नंबर चार पर टीम में शामिल करने का फैसला किस तरह से लिया गया। क्या विजय शंकर की उपयोगिता टीम में अबांती रायुडू से ज्यादा थी।
सवाल नंबर दो- टीम में तीन विकेटकीपर क्यो थे खासकर दिनेश कार्तिक की क्या जरूरत थी जो लंबे समय से फार्म में नहीं थे। अगर दिनेश कार्तिक को टीम में रखा गया था तो ऋषभ पंत को टीम में नंबर चार के लिये क्यों बुलाया गया जबकि अंबाती रायुडू को रिजर्व खिलाड़ियों में रखा गया था। अंबाती की ऐसे मौके पर अनदेखा क्यों किया गया।
सवाल नंबर तीन- सेमीफाइनल में महेंद्र सिंह धोनी को सातवें नंबर पर क्यों उतारा गया। समझा जाता है कि धोनी को नीचे भेजने का फैसला बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ का था। यह भी पूछा जायेगा कि सहायक कोच के इस फैसले का मुख्य कोच ने विरोध क्यो नहीं किया। क्या टीम में रवि शास्त्री से भी ज्यादा बल्लेबाजी कोच की चलती है। रवि शास्त्री की ऐसे में क्या भूमिका थी।
सवाल नंबर चार- टीम में नंबर चार, पांच पर विशेषज्ञ बल्लेबाजों की जगह ऐसे खिलाड़ियों का रखने का निर्णय किसका था जो नियमित तौर पर इन स्थानों पर नहीं खेलते। ऋषभ पंत आमतौर पर ओपनिंग बल्लेबाज के तौर पर टीम में खेलते रहे हैं। दिनेश कार्तिक को भी इन स्थानों पर खेलने का अनुभव होने के बावजूद वह कभी सफल नहीं रहे हैं। चयन समिति के अध्यक्ष के साथ अन्य सदस्यों से भी जवाब मांगा जा सकता है।