17 वर्षीय युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल मुंबई की टीम से रणजी ट्रॉफी में खेलते हैं। बता दें कि एक ऐसा भी समय था जब यशस्वी जायसवाल पानी पूरी बेचकर अपना गुजारा करते थे। आईपीएल 2020 नीलामी बीते गुरुवार 19 दिसंबर को हुई जिसमें यशस्वी जायसवाल को राजस्थान रॉयल्स ने 2.40 करोड़ रुपए में बोली लगाकर अपनी टीम में शामिल कर लिया।
यशस्वी जायसवाल ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं। महज 11 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश से मुंबई जायसवाल आ गए थे। मुंबई आने के बाद वह टेंट में रह कर अपना गुजारा करते थे। क्रिकेटर बनने के सपने को जायसवाल ने मुंबई से ही पूरा किया।
The youngest ever to hit a double hundred in List A cricket ??
Yashasvi Jaiswal AKA wonder kid, welcome to the Indian Premier League?#IPLAuction #YashasviIsARoyal pic.twitter.com/7bnmYKTuMw— Rajasthan Royals (@rajasthanroyals) December 19, 2019
जनवरी-फरवरी में अंडर-19 विश्व कप खेला जाएगा जिसके लिए भारतीय टीम में यशस्वी जायसवाल को मौका दिया गया है। अंडर-19 की भारतीय टीम के कप्तान प्रियम गर्ग को आईपीएल नीलामी में सनराइजर्स हैदराबाद ने 1.90 करोड़ में खरीदा है लेकिन उन्हें यशस्वी जायसवाल ने पीछे छोड़ दिया है।
दोहरा शतक जड़ा था विजय हजारे ट्रॉफी में
यशस्वी जायसवाल ने कहा कि, मैं काफी खुश हूं, मेरे लिए यह सीखने का काफी अच्छा मौका होता है। मेरे लिए अपना नाम बनाने का मंच है। विजय हजारे ट्रॉफी में जायसवाल ने इस साल 203 रन 154 गेंदों में बनाए थे और इस दौरान उन्होंने 17 चौके और 12 छक्के लगाए थे। साथ ही लिस्ट ए क्रिकेट में जायसवाल सबसे युवा बल्लेबाज दोहरा शतक लगाने वाले बने थे। सत्र में जायसवाल ने 564 रन बनाए थे जिसमें तीन शतक भी शामिल थे। इस दौरान यशस्वी का औसत 112.80 का था।
जायसवाल यूपी के रहने वाले हैं
उत्तर प्रदेश के भदोही के मूल रूप से यशस्वी जायसवाल रहने वाले हैं। बहुत ही गरीब परिवार से यशस्वी आते हैं। छोटी सी दुकान यशस्वी जायसवाल के पिता चलाते हैं। यशस्वी को अपना भविष्य क्रिकेट में बनना था जिसके लिए वह उत्तर प्रदेश से मुंबई आ गए थे। हालांकि मुंबई आने के बाद उन्हें रहने के लिए कोई जगह नहीं मिली थी। यशस्वी के चाचा मुंबई में रहते हैं लेकिन उनका घर ज्यादा बड़ा नहीं है जिसकी वजह से वह उनको अपने साथ नहीं रख पाए थे।
ऐसे में एक डेयरी शॉप में जायसवाल ने काम किया और साथ में क्रिकेट खेलते रहे। जब यशस्वी यूपी के ज्वाला सिंह से मिले तो उनकी किस्मत वहां से बदलना शुरु हुई। यूपी में ही ज्वाला सिंह रहते हैं और यही वजह थी कि उन्होंने यशस्वी का दर्द समझा। यशस्वी को उन्होंने ही गाइड किया और स्थानीया क्रिकेट में यशस्वी के खेल को आगे बढ़ाया जिसके बाद उनकी किस्मत ने एक नया मोड़ लिया।