इंडियन प्रीमियर लीग में अगले सीजन से दो नयी टीम अहमदाबाद और लखनऊ जुड़ने वाली है जिसके बाद IPL में कुल टीमें 8 से बढ़कर 10 हो जाएंगी। लेकिन IPL में टीम बनाना कोई आसान काम नहीं है अहमदाबाद टीम के मालिकों को भी ये बात महसूस हो रही होगी क्यूंकि उनके लिए लगातर मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। जहाँ बाकि की टीमें अपनी अपनी रिटेन लिस्ट तैयार कर रहे हैं तो वहीं अहमदाबाद को अभी तक फ्रेंचाइजी के ऑफिसियल दस्तावेज तक नहीं मिले हैं।
आईपीएल में शामिल होने वाली अहमदाबाद टीम को सीवीसी कैपिटल्स नाम की कंपनी ने 5625 करोड़ रूपये में खरीदा। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीसीसीआई ने अभी तक सीवीसी कैपिटल्स को टेंडर के कागज नहीं दिए हैं। कुल मिलाकर कागजों पर अभी अहमदाबाद फ्रेंचाइजी कंपनी नहीं बनी है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सीवीसी कैपिटल्स के पैसे एक ऐसी कंपनी में भी लगे हैं जहां पर सट्टेबाजी होती है। यही वजह है कि बीसीसीआई ने अभी तक अहमदाबाद के लिए आधिकारिक स्टेटमेंट जारी नहीं किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस मामले को भारत के सॉलिसिटर जनरल,तुषार मेहता को भेजा है, जो भारत सरकार से जुड़े मामलों में BCCI का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं, अमेरिकी फर्म बीसीसीआई को ये समझाने की कोशिश कर रही है कि ब्रिटेन की सट्टेबाजी फर्म में उन्होंने जो निवेश किया है वो अवैध नहीं है।
आपको बता दे आईपीएल की बाकि आठ टीमों को 30 नवंबर तक बीसीसीआई को रिटेन किए गए खिलाड़ियों की लिस्ट देनी है। ऐसे में ज्यादातर फ्रेंचाइजी खिलाड़ियों को रिटेन करने पर ध्यान दे रही हैं। वहीं, अहमदाबाद और लखनऊ की टीमें 1 से 25 दिसंबर के बीच अपने रिटेन किए गए खिलाड़ियों की लिस्ट बीसीसीआई को देगी। यह दोनों टीमें 3-3 खिलाड़ियों को रिटेन कर सकेंगी।