टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड विरुद्ध भारत के मैच गंवाने को लेकर अपने मन की बात जाहिर की है। इस खिताबी हार को लेकर इरफान पठान का कहना है कि भारतीय टीम डब्ल्यूटीसी फाइनल में कम बल्लेबाजों के साथ खेली इसलिए उसे हार का मुंह देखना पड़ा। भारत को इंग्लैंड के साउथम्पटन में खेले गए डब्ल्यूटीसी के फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा।
पूर्व भारतीय ऑलराउंडर ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा, मैंने डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले ही इस बारे में बात की थी। मुझे लगता है कि टीम में एक और बल्लेबाज होना चाहिए था। हमारे पास क्वालिटी तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर नहीं है, जो न्यूजीलैंड के पास हैं। ऐसे ऑलराउंडर को खोजना मुश्किल है। अब अगर हम उचित क्रिकेट के दृष्टिकोण से बात करें तो मुझे लगता है कि पहली पारी शानदार रही, लेकिन दूसरी पारी में भारतीय टीम की बल्लेबाजी निराशाजनक रही। दूसरी पारी में गेंद उतनी स्विंग नहीं कर रही थी और भारतीय बल्लेबाज ज्यादा जिम्मेदारी से बल्लेबाजी कर सकते थे। मैं एक बल्लेबाज के रूप में ऋषभ पंत की क्षमताओं से अवगत हूं और वह गेंदों को बहुत अच्छी तरह से हिट कर सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप एक तेज गेंदबाज को बाहर निकल कर मारे। जिम्मेदारी से खेलना चाहिए था।
इरफान पठान ने कहा, भारतीय बल्लेबाज बाउंसरों पर अपने शरीर का इस्तेमाल करते हुए डिफेंस करने के बजाय बहुत अधिक पुल शॉट का इस्तेमाल कर रहे थे। यह प्रतिबद्धता की कमी को दर्शाता है। ये सवाल मुश्किल हैं, लेकिन मुझे उम्मीद है कि भारतीय बल्लेबाजों में भविष्य में अपना जवाब देने की ताकत होगी और अब हम उसी विषय पर वापस आ गए हैं कि न्यूजीलैंड के बल्लेबाज दो विकेट के नुकसान पर 140 रन बनाने में सक्षम थे, जबकि हमारी भारतीय टीम ने 140 स्कोर बनाते हुए आठ विकेट खो दिए थे।
इरफान ने मैच अभ्यास की कमी के चलते डब्ल्यूटीसी फाइनल में भारत की स्थिति के प्रभावित होने के बारे में कहा, जब तक भारतीय टीम ने दूसरे सत्र के लिए क्षेत्ररक्षण शुरू किया, तब तक हमारे गेंदबाज थक चुके थे। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि भारत को पर्याप्त मैच अभ्यास नहीं मिला। जब एक टीम को कम मैच अभ्यास मिलता है तो उसके पास किसी खास मैच के लिए जरूरी मैच फिटनेस नहीं होती है। मुझे लगता है कि अंत में इसमें सुधार होगा। मुझे लगता है कि भारतीय गेंदबाजों को अधिक बाउंसरों का विकल्प चुनना चाहिए था, जिस तरह से नील वैगनर ने किया। भारतीय गेंदबाजों की गेंद की लेंथ में भी सुधार की जरूरत है, क्योंकि हमने केन विलियमसन और रॉस टेलर के काफी कट शॉट और बैक-फुट पंच देखे हैं।