भारतीय कप्तान विराट कोहली इस बात से खुश थे कि कनकशन विकल्प नियम उनकी टीम के लिये फायदेमंद रहा जबकि युजवेंद्र चहल को खिलाने की कोई योजना नहीं थी जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय में रविंद्र जडेजा के विकल्प के तौर पर उतरने के बाद मैच विजेता साबित हुए। चोटिल जडेजा ने बल्ले से अपनी भूमिका निभा दी थी और उनके विकल्प के तौर पर चहल भारत की 11 रन की जीत में अहम साबित हुए।
जडेजा ने 23 गेंद में नाबाद 44 रन बनाकर भारत को 7 विकेट पर 161 रन बनाने में मदद की लेकिन उनके सिर में लगी चोट के कारण चहल को उतारना पड़ा जिन्होंने 4 ओवर में 25 रन देकर 3 विकेट हासिल किये। कोहली ने मैच के बाद पुरस्कार वितरण समारोह में कहा, ‘‘युजी (चहल) को मैच में खिलाने की कोई योजना नहीं थी। जड्डू (जडेजा) को सिर में एक गेंद लगी और उन्हें चक्कर आ रहा था और अब भी आ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कनकशन विकल्प अजीब चीज है, आज यह हमारे लिये कारगर रहा। लेकिन हो सकता है कि अगली बार ऐसा नहीं हो।’’कोहली ने अपने सभी खिलाड़ियों की प्रशंसा की लेकिन जडेजा और चहल के प्रयासों की सबसे ज्यादा तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘‘वह (चहल) आया और उसने सचमुच काफी अच्छी गेंदबाजी की। पिच ने भी उसका साथ दिया। युजी ने प्रतिद्वंदियों को रोकने में शानदार जज्बा दिखाया। मुझे लगा कि उन्होंने अच्छी शुरूआत की। बल्लेबाजों ने हमें कुछ विकेट पेश कर दिए। यही टी20 क्रिकेट है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया में आपको अंत तक मजबूत बने रहना होता है। उसने (जडेजा) पिछले मैच में अच्छी बल्लेबाजी की थी। नटराजन में दिखता है कि वह काफी सुधार कर सकता है। दीपक चाहर ने भी हमारे लिये अच्छी गेंदबाजी की। चहल ने हमें मैच में वापसी करायी। हार्दिक का कैच लपकना भी मैच का रूख बदलने वाला रहा। ’’
ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर मैच रैफरी डेविड बून से इशारों में बात करते नजर आये लेकिन यह पता नहीं चल सका है कि क्या वे चहल को उतारे जाने के बारे में बात कर रहे थे। ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान ऐरोन फिंच ने मैच के बाद कहा, ‘‘उनके डॉक्टर ने जडेजा को कनकशन के कारण बाहर किया। आप एक मेडिकल विशेषज्ञ की राय को चुनौती नहीं दे सकते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने अंत में शायद कुछ ज्यादा रन लुटा दिये और फिर बीच के ओवरों में बाउंड्री लगाने में जूझते रहे। ’’फिंच ने बताया कि उन्हें मैच के दौरान चोट लगी थी और इसकी गंभीरता का पता स्कैन कराने के बाद ही लगाया जा सकता है।‘मैन आफ द मैच’ चहल ने कहा कि अंतिम एकादश में जगह नहीं बना पाने के बाद जब वह कनकशन विकल्प के तौर पर उतरे तो उन पर कोई दबाव नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘‘जब हम बल्लेबाजी कर रहे थे तो मुझ पर कोई दबाव नहीं था और फिर अचानक से मुझे पता चला कि मैं खेलने वाला हूं। मैंने काफी सारे मैच खेले हैं तो मैं मानसिक रूप से फिट था।’’चहल ने कहा कि वनडे श्रृंखला में उन्होंने प्रतिद्वंदी टीम के लेग स्पिनर एडम जाम्पा से कुछ चीजें सीखीं कि ऑस्ट्रेलियाई विकेट पर किस तरह से अच्छी गेंदबाजी की जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी वनडे की गलतियों से सीख ली। वनडे में मैंने गेंद को काफी फ्लाइट किया था लेकिन यहां मैंने जाम्पा को गेंदबाजी करते हुए देखा, मैंने भी ऐसा ही करने की कोशिश की।’’चहल ने कहा, ‘‘पहली पारी में रन बनाना थोड़ा मुश्किल था। इस विकेट पर 150-160 रन का स्कोर भी अच्छा है। मैंने अपनी योजना के अनुसार गेंदबाजी की।’’