टीम इंडिया के चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव ने कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लिया है,मगर इस दौरान कुछ ऐसा हो गया है कि जिसको लेकर अब विवाद होना तय हो गया है, दरअसल बाएं हाथ के गेंदबाज कुलदीप यादव ने कोरोना वैक्सीन लगावते हुए अपनी एक तस्वीर शेयर कि है ,लेकिन इस दौरान सबसे बड़ा सवाल उस फोटो में क्रिकेटर अस्पताल के बजाय अपने गेस्ट हाउस के लॉन में टीका लगवाते हुए नजर आए रहे हैं। तो बस अब इस तस्वीर के सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने के बाद इसे टीकाकरण संबंधी प्रोटोकॉल का उल्लंघन माना जा रहा है।
कुलदीप यादव ने बीते शनिवार को कोरोना वायरस टीके की पहली डोज लेने के बाद अपनी वैक्सीन लगवाते हुए एक फोटो शेयर की और ट्वीट कर सभी से टीका लगवाने का निवेदन किया। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा-जब भी मौका मिले तुरंत टीका लगवाएं। सुरक्षित रहें क्योंकि covid19 के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने की आवश्यकता है।
जब भी मौका मिले तुरंत टीका लगवाएं। सुरक्षित रहें क्योंकि covid19 के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने की आवश्यकता है 🙏🏻 pic.twitter.com/6YSHyoGmWM
— Kuldeep yadav (@imkuldeep18) May 15, 2021
अब लगता है कुलदीप यादव को अपनी इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर करना महंगा पड़ गया है। जहां एक ओर तस्वीर धड़ल्ले से वायरल हो रही है तो दूसरी तरफ 18 मई क्रिकेट खिलाड़ी कुलदीप को कोविड टीकाकरण के दौरान निर्धारित प्रोटोकॉल के विपरीत ‘वीआईपी ट्रीटमेंट’ दिए जाने की जांच के आदेश दिए गए हैं।
एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि कुलदीप को गोविंद नगर स्थित जागेश्वर अस्पताल में टीका लगाया जाना था लेकिन उन्हें कानपुर नगर निगम के गेस्ट हाउस के लॉन में यह टीका लगाया गया। उन्होंने बताया कि कुलदीप का वह ट्वीट देखने के बाद लोगों ने यह कहना शुरू किया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक को अस्पताल जाकर टीका लगवाना पड़ा ऐसे में कुलदीप के लिए प्रोटोकॉल क्यों तोड़ा गया?
कुलदीप यादव के क्रिकेट करियर की बात करें तो गेंदबाज का परफॉर्मेंस औसत ही रहा है जिस वजह से उन्हें न तो विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए उनका टीम में चयन किया गया और ना ही उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम में शामिल गया। यही नहीं आईपीएल 2021 में भी कुलदीप कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए।