नयी दिल्ली : महेंद्र सिंह धोनी अपने हाव भाव से कभी अपने जज्बात जाहिर नहीं होने देते और उनका मानना है कि यही वजह है कि लोग उनसे कभी नहीं पूछते कि 2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में उन्होंने बेबुनियाद आरोपों का सामना कैसे किया। महेंद्र सिंह धोनी हमेशा अपना काम चुपचाप करने में विश्वास रखते हैं और कई बार उनकी खामोशी को गलत समझ लिया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को लगता है कि आप बहुत मजबूत है और लोग पूछते नहीं है कि आप कैसे हो।
मैने इसका सामना ऐसे ही किया। मैं इस बारे में दूसरों से बात नहीं करना चाहता था लेकिन अंदर से यह मुझे कुरेद रहा था। मैं नहीं चाहता कि किसी भी चीज का असर मेरे खेल पर पड़े। मेरे लिये क्रिकेट सबसे अहम है।’’ आईपीएल 2013 मैच फिक्सिंग प्रकरण को अपने जीवन का ‘सबसे कठिन और निराशाजनक’ दौर बताते हुए महेंद्र सिंह धोनी ने सवाल दागा कि खिलाड़ियों का क्या कसूर था। दो बार के विश्व कप विजेता कप्तान ने ‘रोर आफ द लायन’ डाक्यूड्रामा में इस मसले पर अपनी चुप्पी तोड़ी।
भारतीय क्रिकेट को झकझोर देने वाले इस प्रकरण में प्रबंधन की भूमिका के कारण चेन्नई सुपर किंग्स को दो साल का प्रतिबंध झेलना पड़ा। महेंद्र सिंह धोनी ने कहा, ‘‘2013 मेरे जीवन का सबसे कठिन दौर था। मैं कभी इतना निराश नहीं हुआ जितना उस समय था । इससे पहले विश्व कप 2007 में निराशा हुई थी जब हम ग्रुप चरण में ही हार गए थे। लेकिन उसमें हम खराब क्रिकेट खेले थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन 2013 में तस्वीर बिल्कुल अलग थी । लोग मैच फिक्सिंग और स्पाट फिक्सिंग की बात करते थे।
उस समय देश भर में यही बात हो रही थी।’’ धोनी ने हाटस्टार पर प्रसारित पहले एपिसोड ‘वाट डिड वी डू रांग’ में कहा कि खिलाड़ियों को पता था कि कड़ी सजा मिलने जा रही हे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें सजा मिलने जा रही थी बस यह जानना था कि सजा कितनी होगी। चेन्नई सुपर किंग्स पर दो साल का प्रतिबंध लगा। उस समय मिली जुली भावनायें थी क्योंकि आप बहुत सी बातों को खुद पर ले लेते हैं। कप्तान के तौर पर यही सवाल था कि टीम की क्या गलती थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी टीम ने गलती की लेकिन क्या खिलाड़ी इसमें शामिल थे। खिलाड़ियों की क्या गलती थी कि उन्हें यह सब झेलना पड़ा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘फिक्सिंग से जुड़ी बातों में मेरा नाम भी उछला।
मीडिया और सोशल मीडिया में ऐसे दिखाया जाने लगा मानो टीम भी शामिल हो, मैं भी शामिल हूं। क्या यह संभव है। हां, स्पाट फिक्सिंग कोई भी कर सकता है। अंपायर, बल्लेबाज, गेंदबाज लेकिन मैच फिक्सिंग में खिलाड़ी शामिल होते हैं।’’ महेंद्र सिंह धोनी ने डाक्यूमेंट्री में कहा कि मैच फिक्सिंग कत्ल से भी बड़ा गुनाह है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज जो कुछ भी हूं, क्रिकेट की वजह से हूं। मेरे लिये सबसे बड़ा गुनाह कत्ल नहीं बल्कि मैच फिक्सिंग है। लोगों को अगर लगता है कि मैच का नतीजा असाधारण इसलिये है क्योंकि वह फिक्स है तो लोगों का क्रिकेट पर से विश्वास उठ जायेगा और मेरे लिये इससे दुखदायी कुछ नहीं होगा।’’