सेंट पीटर्सबर्ग : आइसलैंड के साथ ड्रा और क्रोएशिया के हाथों शर्मनाक हार के बाद अब अगर अर्जेंटीना और उसके स्टार खिलाड़ी लियोनेल मेस्सी को विश्व कप 2018 में अपनी उम्मीदें बरकरार रखनी हैं तो उसे यहां नाईजीरिया के खिलाफ हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी।अर्जेंटीना और मेस्सी ने विश्व भर में फैले अपने करोड़ों दर्शकों को अभी तक निराश किया है और यह उनके पास अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप खेलने का आखिरी मौका है। यही नहीं उसे ग्रुप डी के एक अन्य मैच में आइसलैंड की क्रोएशिया के हाथों हार की भी दुआ करनी होगी। वैसे अगर आइसलैंड उलटफेर भी कर देता है तब भी अर्जेंटीना गोल अंतर से आगे बढ़ सकता है और इसके लिये उसे बड़े अंतर से जीत दर्ज करनी होगी। पिछली बार का उपविजेता अर्जेंटीना अगर इस स्थिति तक पहुंचा तो उसके लिये वह खुद जिम्मेदार है। कोच जार्ज साम्पाओली के फैसले हैरान करने वाले रहे।
उसकी रक्षापंक्ति ने लचर प्रदर्शन किया है तो मध्यपंक्ति ने भी निराश करने में कसर नहीं छोड़ी है। यहां तक कि मेस्सी भी निराश करने में पीछे नहीं रहे हैं। वह आइसलैंड के खिलाफ पेनल्टी चूक गये थे जिसका दर्द अब भी अर्जेंटीना को अंदर तक महसूस हो रहा है। अर्जेंटीना के नाम पर अभी दो मैचों में एक अंक है और ड्रा या हार पर वह 2002 के बाद पहली बार शुरुआती दौर से बाहर हो जाएगा। अब फिर से अर्जेंटीना की उम्मीदें मेस्सी पर टिकी हैं जिनकी हैट्रिक की दम पर वह विश्व कप के लिये क्वालीफाई कर पाया था।
मेस्सी कोई कमाल करें इसके लिये जरूरी है कि टीम एकजुट होकर खेले क्योंकि खिलाड़ियों और कोच के बीच मतभेदों की चर्चा चल रही है। मेस्सी टीम के लिये कितने महत्वपूर्ण हैं इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इक्वेडोर के खिलाफ उनकी हैट्रिक के बाद नाईजीरिया के खिलाफ मैत्री मैच में जब वह नहीं खेले तो सर्गियो एगुएरा, गोंजालो हिगुएन और पाउलो डायबाला जैसे खिलाड़ी कुछ नहीं कर पाये और उनकी टीम 2-4 से हार गयी। नाईजीरिया की टीम इस जीत से प्रेरणा लेकर कल मैदान पर उतरेगी। उसके खिलाड़ी अब तक प्रभाव छोड़ने में सफल रहे हैं।
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