भारत के महान धावक मिल्खा सिंह के स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर अस्पताल ने कहा कि शुक्रवार को उनका ऑक्सीजन स्तर गिर गया और उन्हें बुखार भी आ गया लेकिन वह स्वस्थ होने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 91 साल के मिल्खा सिंह का कोविड-19 परीक्षण बुधवार को नेगेटिव आया था।
जिसके बाद उन्हें कोविड आईसीयू से सामान्य आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था और डाक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य पर नजर रख रही है। पीजीआईएमईआर के सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें गुरूवार की रात को अचानक बुखार आ गया और उनका आक्सीजन का स्तर भी गिर गया। डॉक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य पर नजर रखे है।
इससे पहले उनकी हालत स्थिर थी। उनके परिवार के बयान के अनुसार, मिल्खा जी के लिए दिन थोड़ा मुश्किल रहा। लेकिन वह इससे संघर्ष कर रहे हैं। उन्हें पिछले महीने अपने रसोइए के कारण कोविड-19 संक्रमण हो गया था। 24 मई को उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
26 मई को उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह (85) को भी संक्रमण के चलते इसी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था, संक्रमण से जूझते हुए रविवार को उनका निधन हो गया था। 30 मई को परिवार के अनुरोध पर मिल्खा सिंह को छुट्टी दे दी गई। इसके बाद वह सेक्टर-8 स्थित अपनी कोठी में ही रहे। तीन जून को अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें पीजीआई में भर्ती कराना पड़ा, तब से वह यहीं उपचाराधीन हैं।
मिल्खा सिंह ने चार बार एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता है। साथ ही वह 1958 कॉमनवेल्थ गेम्स के चैंपियन भी हैं। फिर 1960 के रोम ओलिंपिक खेलों में 400 मीटर की दौड़ में वे मामूली अंतर से पदक से चूक गए थे और चौथे स्थान पर रहे थे. वे 1956 और 1964 के ओलिंपिक खेलों में भी शामिल हुए थे। 1959 में उन्हें पद्मश्री सम्मान मिला था।