टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने हाल ही में खुलासा किया कि उन्होंने घुटने में फ्रेक्टर के साथ साल 2015 विश्व कप खेला था। बता दें कि साल 2015 वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया में खेला गया था। भारत की तरफ से उमेश यादव के बाद उस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट मोहम्मद शमी ने ली थी। हालांकि टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में शमी चौथे स्थान पर थे।
उस टूर्नामेंट के हर मैच में शमी ने गेंदबाजी दर्द के साथ की थी और इसकी बाद भी उन्होंने अच्छी गेंदबाजी 2015 वर्ल्ड कप में की थी। भले ही वह सिडनी में खेले थे लेकिन उनका करियर इस चोट के कारण खत्म होने की कगार पर आ गया था। अपने घुटने का ऑपरेशन 26 मार्च को शमी ने करवाया था और उसके बाद जुलाई 2016 में उन्होंने अपना अगला इंटरनेशनल मैच टेस्ट मैच के तौर पर खेला था।
बता दें कि उस टूर्नामेंट में मोहम्मद शमी ने 17 . 29 की औसत से 17 विकेट 7 मैचों में खेलते हुए लिए। उस टूर्नामेंट में उनका बेस्ट स्कोर 35 रन देकर 4 विकेट हासिल किये थे। उमेश यादव से सिर्फ शमी पीछे थे क्योंकि एक मैच ज्यादा उन्होंने शमी से खेला था। उस दौरान उमेश ने 18 विकेट 17 . 83 की औसत से चटकाए थे। इस टूर्नामेंट में दो बार 4 -4 विकेट उन्होंने लिए थे। शमी ने अपनी वर्ल्ड कप 2015 के प्रदर्शन पर बताया कि मेरे घुटनों से मवाद मैदान से जाने से पहले हर रोज डॉक्टर निकालते थे।
ठीक से मैच के बाद नहीं चल पा रहा था
मोहम्मद शमी ने इरफान पठान के साथ इंस्टाग्राम लाइव चैट के दौरान बताया कि, 2015 के वर्ल्ड कप में ही मेरे घुटने में चोट लगी थी। मैच के बाद मैं ठीक से चल नहीं पा रहा था और इसके बाद मैंने पूरा टूर्नामेंट उस चोट के साथ खेला। उन्होंने बताया कि यह वर्ल्ड कप मैं केवल टीम इंडिया के फिजियो नितिन पटेल के भरोसे पर ही खेल पाया।
3 पेनकिलर रोज लेता था
शमी ने कहा, घुटना पहले मैच में ही जवाब दे गया था। मेरी जांघ और घुटने का आकार बराबर हो गया था। चिकित्सक हर दिन उससे मवाद बाहर निकालते थे। मैं तीन पेन किलर इंजेक्शन लेता था। शमी ने आगे कहा, मैंने पहले पांच ओवर किए और 13 रन (असल में 16 रन) दिए। मैंने फिंच और वॉर्नर को परेशानी में रखा, लेकिन गेंद उनके बल्ले को छूकर नहीं जा पाई। इसके बाद मैंने माही भाई से बात की और मुझे गेंदबाजी से हटा दिया गया। वह धोनी थे, जो शमी को लगातार कहते रहे कि वह दर्द से पार पा सकते हैं।
आत्मविश्वास दिया माही भाई और साथी खिलाड़ियों ने
महेंद्र सिंह धोनी को मोहम्मद शमी ने उस टूर्नामेंट में चोट में खेलने के बाद भी उन्हें श्रेय दिया। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर मुझे धोनी ने सेमीफाइनल में प्रेरित किया था। शमी ने आगे कहा, सेमीफाइनल से पहले मैंने टीममेट्स से कहा कि मैं नहीं खेल पाउंगा, मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है। मैंने टीम प्रबंधन से भी चर्चा की। माही भाई और टीम प्रबंधन ने भी मुझे आत्मविश्वास दिया।
मोहम्मद शमी ने आगे कहा, इंजेक्शन लेने के बाद भी मेरी स्थिति अच्छी नहीं थी। मैंने माही भाई से कहा कि मैं गेंदबाजी नहीं कर सकता क्योंकि मैं दौड़ नहीं सकता हूं। लेकिन उन्होंने मुझसे कहा कि खुद पर भरोसा रखो, कोई कामचलाऊ गेंदबाज भी रन देगा। उन्होंने मुझे कहा था कि सेमीफाइनल यह मैच है और नए किसी गेंदबाज के साथ हम मैच नहीं खेल सकते।
मोहम्मद शमी ने आगे कहा, उन्होंने (धोनी) मुझसे कहा कि 60 से अधिक रन नहीं लुटाना। मैं इससे बुरी परिस्थितियों में कभी नहीं खेला। किसी ने कहा कि मेरा करियर खत्म हो गया है। किसी ने कहा कि मुझे नहीं खेलना चाहिए, लेकिन मैं आज भी खेल रहा हूं।