भारतीय क्रिकेट केटीम पूर्व कप्तान और दिग्गज विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी और हैरतअगेंज विकेटकीपिंग की पूरी दुनिया ही दीवानी है। ऐसा कहा जाता है कि धोनी को गुस्सा बहुत कम आता है और वह अपनी भावनाओं को ठीक से नहीं बताते हैं। लेकिन धोनी ने बताया है कि वह एक आम इंसान की तरह सोचते हैं बस नकारात्मक विचारों पर नियंत्रण वह बाकी इंसानों की तुलना में बेहतर हैं।
भारतीय क्रिकेट में धोनी को उनके शांतचित की वजह से कैप्टन कूल का टैग मिला हुआ है। हालांकि भारतीय टीम की अगुवाई उन्होंने दो बार विश्व चैंपियन में की हुई है। उन्होंने कहा कि हर जीत और हर हार के समय उन पर भी भावनाएं हावी रही हैं। बीते बुधवार को एमएस धोनी ने बताया, मैं भी आम इंसान हूं लेकिन मैं किसी अन्य व्यक्ति की तुलना में अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से काबू में रखता हूं।
धोनी विश्वास रखते हैं समस्याओं का समाधान ढूंढने में
विश्व कप के सेमीफाइनल मैच में न्यूजीलैंड से हार का सामना करने के बाद भारतीय टीम के इस दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज के भविष्य को लेकर कई अंदाजे लगाए जा रहे हैं। बता दें कि धोनी ने क्रिकेट मैदान से कुछ समय का आराम लिया हुआ है। विपरीत परिस्थितियों से बाहर निकलने पर धोनी ने कहा, हर किसी की तरह मुझे भी निराशा होती है। कई बार मुझे भी गुस्सा आता है। लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि इनमें से कोई भी भावना नकारात्मक नहीं है।
समस्याओं पर बात करते हुए 38 साल के धोनी ने कहा कि उनके लिए समस्याओं का जाल बुनने से अच्छा उसका समाधाना ढूंढना ज्यादा अच्छा रहा। धोनी ने कहा, इन भावनाओं की तुलना में अभी क्या करना चाहिए यह अधिक महत्वपूर्ण है। अगली क्या चीज है जिसमी मैं योजना बना सकता हूं? वह अगला व्यक्ति कौन है जिसका मैं उपयोग कर सकता हूं? एक बार जब मैं यह सोचने लगता हूं तो फिर मैं अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से काबू कर लेता हूं।
धोनी ध्यान देते हैं अपनी कप्तानी में प्रकिया पर
एमएस धोनी ने कहा कि महत्वपूर्ण अंतिम परिणाम नहीं प्रक्रिया होती है। उन्होंने हमेशा अपनी कप्तानी में इस बात पर ही ज्यादा ध्यान दिया था। एमएस धोनी ने कहा, अगर वह टेस्ट मैच है तो आपके पास दो पारियां होती हैं और आपको अपनी अगली रणनीति तैयार करने के लिए थोड़ा अधिक समय मिलता है। टी20 में सब कुछ तुरत फुरत होता है तो इसमें अलग तरह की सोच की जरूरत होती है।
धोनी ने आगे कहा, वह एक खिलाड़ी हो सकता है जिसने गलती की या वो पूूरी टीम हो सकती है। यह भी हो सकता है कि प्रारूप चाहे कोई भी हो हमने अपनी रणनीति पर अच्छी तरह से अमल नहीं किया हो।