टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में 227 रन से शिकस्त झेलनी पड़ी। भारतीय टीम 4 टेस्ट की सीरीज में 0-1 से पिछड़ गई। इस मैच के लिए भारत की प्लेइंग इलेवन में अक्षर पटेल और कुलदीप यादव को नजरअंदाज करते हुए शाहबाज नदीम को जगह दी गई थी। यह लेफ्ट-ऑर्म स्पिनर नदीम के करियर का दूसरा टेस्ट था, जिसमें उन्होंने 4 विकेट लिए।नदीम के पिता जावेद महमूद ने बताया कि यह स्पिनर बचपन में पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज वसीम अकरम की तरह पेसर बनना चाहता था। हालांकि, कोच इम्तियाज हुसैन ने उनकी कदकाठी को देखते हुए स्पिनर बनाया।
महमूद ने कहा, ‘मैं बड़े बेटे अशहद इकबाल को क्रिकेटर बनाना चाहता था। वह क्रिकेट अच्छा खेलता था। मैं चाहता था कि छोटा बेटा नदीम पढ़ाई करे। मुझे उम्मीद नहीं थी कि नदीम बेहतर खिलाड़ी बन सकता है। मैं दोनों बेटों को इम्तियाज के पास लेकर गया। तब 12 साल के नदीम बाएं हाथ से तेज गेंदबाजी करते थे। वे पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज वसीम अकरम की तरह ही बनाना चाहते थे। जबकि इकबाल बल्लेबाज के साथ ऑफ स्पिनर थे। ट्रायल के बाद कोच ने नदीम की कदकाठी देखकर तेज गेंदबाजी छोड़कर स्पिन की सलाह दी थी।
कोच इम्तियाज ने कहा, ‘नदीम की हाइट देखकर मैंने उनके पिता से कहा था कि वह फास्ट बॉलर नहीं बन सकता। मैंने उसकी उंगलियां देखीं। मुझे लगा कि वह स्पिनर अच्छा बन सकता है। नदीम बांए हाथ से गेंदबाजी करते थे, इसलिए मैंने उन्हें बिशन सिंह बेदी की तरह लेफ्ट आर्म स्पिनर बनाने की ठान ली। दोनों भाई काफी मेहनत करते थे।’पिता ने कहा, ‘मैंने इंग्लैंड के खिलाफ नदीम को गेंदबाजी करते हुए देखा। मैं उसके प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हूं। वे इससे बेहतर गेंदबाजी कर सकते थे। मेरा सपना था कि मेरा बेटा इंडिया टीम से खेले। वह मेरे सपने को पूरा कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि वे बेहतर प्रदर्शन कर इंडिया टीम में स्थायी गेंदबाज के तौर पर शामिल हों।’