नई दिल्ली : पिछले एक दशक में भारतीय हॉकी टीम के बेहतर संगठन की तारीफ करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने गुरूवार को कहा कि भारत अब विश्व हॉकी के अग्रणी देशों में है और असल चुनौती बड़े टूर्नामेंटों में फिर पदक जीतना शुरू करने की है। जेटली ने कहा कि हम विश्व हॉकी में शीर्ष टीमों में पहुंच गए हैं और अब गेंद को गोल के भीतर डालने की जरूरत है।
उन्होंने 28 नवंबर से भुवनेश्वर में शुरू हो रहे विश्व कप से पहले यहां भारतीय हाकी के इतिहास पर काफीटेबल किताब ‘ द इलस्ट्रेटेड हिस्ट्री आफ इंडियन हाकी : अ सागा आफ ट्रायंफ, पेन एंड ड्रीम्स’ के विमोचन के मौके पर कहा कि भारतीय हाकी टीम के प्रदर्शन में गिरावट 1964 के बाद आनी शुरू हुई और 1968 में गठबंधन सरकार की तरह टीम के दो कप्तान थे लेकिन पिछले एक दशक में भारतीय हाकी का संगठन बहुत बेहतर हुआ है।
जेटली ने कहा कि भारत फिर से हाकी की अग्रणी टीमों में शुमार हो गया है और अब असल चुनौती बड़े टूर्नामेंटों में फिर पदक जीतना शुरू करने की है। यह अच्छी बात है कि विश्व कप भुवनेश्वर में हो रहा है । भारतीय हाकी के पारंपरिक गढों पर फोकस करने से हम भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इतिहास को सहेजना काफी महत्वपूर्ण काम है। संग्रहालयों, प्रकाशन और अब आडियो विजुअल के माध्यम से हम अपने इतिहास से रूबरू हो सकते हैं। काफीटेबल प्रकाशन की अपनी अहमियत है और इसके जरिये भारतीय हाकी के ऐतहासिक पलों की झलक आपको मिल जायेगी।
अंतरराष्ट्रीय हाकी महासंघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने इस मौके पर कहा कि भारतीयों का हाकी से जज्बाती जुड़ाव रहा है और हमारा वैभवशाली इतिहास इस खेल में है। इस किताब के जरिये उसकी बानगी पेश करने की कोशिश की गई है।