Reetika Hooda: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की महिला रेसलर क्वार्टर फाइनल में हार गयी। इसी के साथ उनका ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का उनका सपना भी टूट गया। ये सपना कुश्ती के एक नियम के वजह से टूटा। रीतिका क्वार्टर फाइनल में वर्ल्ड नंबर-1 किर्गिस्तान की शीर्ष वरीयता प्राप्त एइपेरी मेडेट काइज़ी से हार गई। लेकिन एइपेरी मेडेट काइज़ी भी अपना सेमीफाइनल मुकाबला हार गई और रीतिका हुडा का रैपचेज में खेलने का सपना टूट गया। इसी के साथ पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का अभियान शनिवार को समाप्त हो गया।
दरअसल, भारतीय पहलवान रीतिका हुड्डा की ओलंपिक पदक की तलाश शनिवार को पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 76 किलोग्राम फ्रीस्टाइल श्रेणी के क्वार्टर फाइनल चरण में पूरी हुई । किर्गिस्तान की एपेरी मेडेट काइज़ी का सामना करते हुए , हुड्डा ने एक तनावपूर्ण, रक्षात्मक रूप से केंद्रित मुकाबला किया, जिसमें दोनों एथलीटों ने आक्रामक हमलों पर अंक रोकने को प्राथमिकता दी। निर्धारित छह मिनट के बाद मैच 1-1 से बराबरी पर रहा, जिसमें प्रत्येक पहलवान ने अपने प्रतिद्वंद्वी की निष्क्रियता के कारण अपना एकमात्र अंक अर्जित किया।
नियम ये कहता है कि अगर दो खिलाड़ियों के बीच मुकाबला बराबरी पर समाप्त हो तो इसमें उस खिलाड़ी की जीत होगी, जिसने आखिरी अंक अपने नाम किया होगा। चूंकि किर्गिस्तान की पहलवान ने आखिरी अंक अपने नाम किया था, इसलिए उसे विजेता घोषित किया गया। पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का अभियान शनिवार को समाप्त हो गया।
रीतिका के नाम एक खास रिकॉर्ड दर्ज है। वह 76 किलोग्राम भार वर्ग में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं। रीतिका ने प्री-क्वार्टर फाइनल में हंगरी की बर्नाडेट नैगी को 12-2 से हराकर जीत दर्ज की थी। महिला पहलवान रीतिका हुडा को महिलाओं के फ्रीस्टाइल 76 किग्रा वर्ग में रैपचेज में उतरने का मौका नहीं मिला। भारत ने छह पदकों के साथ पेरिस ओलंपिक 2024 में अपने अभियान का समापन किया। इस बार भारत को एक भी गोल्ड नहीं मिल पाया, लेकिन उसने एक सिल्वर और पांच कांस्य पदक सहित कुल छह पदक जीते। पेरिस ओलंपिक 2024 पदक तालिका में इस तरह भारत 70वें स्थान पर रहा।