भारत के ग्रीको रोमन पहलवानों ने रविवार को यहां एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर में निराशाजनक प्रदर्शन किया जिससे इनमें से कोई भी Paris Olympics का कोटा हासिल नहीं कर सका। सुनील (87 किग्रा) ही एकमात्र भारतीय थे जो एक मुकाबला जीतने में सफल रहे वर्ना अन्य तो अपने पहले दौर में ही हारने के बाद बाहर हो गये।
HIGHLIGHTS
सुनील ने अपने पहले मैच में जापान के प्रतिद्वंद्वी सोह साकाबे को 5-1 से मात दी। लेकिन क्वार्टरफाइनल में उज्बेकिस्तान के जलगासबे बर्डीमुरातोव से 2-4 से हार गये।
सुनील ने क्वार्टरफाइनल में दो बार खुद को उठाये जाने से बचाया। बल्कि कुछ समय के लिए वह मुकाबले में आगे भी चल रहे थे। लेकिन दो बार उन्हें प्रदान किये गये अंकों को वापस ले लिया गया क्योंकि उज्बेकिस्तान के शिविर ने रैफरी के फैसले को चुनौती दी। और अंत में सुनील को बर्डीमुरातोव से हार मिली।
अंशु (67 किग्रा) की चुनौती दो मिनट से कम समय में ही समाप्त हो गयी। वह उज्बेकिस्तान के अबरोर अताबाएव से क्वालीफिकेशन मुकाबला तकनीकी श्रेष्ठता से हार गये।
सुमित (60 किग्रा), विकास (77 किग्रा), नीतेश (97 किग्रा) और नवीन (130 किग्रा) भी पहले ही दौर में हार गये। भारतीय ग्रीको रोमन पहलवानों ने पिछली बार ओलंपिक में 2016 में हिस्सा लिया था जब रविंदर खत्री और हरदीप सिंह रियो ओलंपिक में खेले थे। अभी तक भारत ने पेरिस ओलंपिक के लिए चार कोटे ही हासिल किये हैं जो सभी महिला पहलवानों ने प्राप्त किये हैं।
अब कोटा हासिल करने का अंतिम मौका नौ मई को तुर्की में होने वाले विश्व क्वालीफायर में मिलेगा।