एशियाई खेलों के पदक विजेताओं सहित देश के कुछ शीर्ष निशानेबाजों ने भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) से Paris Olymics Trial के मानदंडों में छूट देने का अनुरोध किया है ताकि वे भी इसमें भाग ले सकें।
HIGHLIGHTS
एनआरएआई के चयन मानदंड के अनुसार, निशानेबाज राष्ट्रीय रैंकिंग और ओलंपिक खेलों की क्वालिफिकेशन रैंकिंग (क्यूआरओजी) अंकों के आधार पर प्रत्येक श्रेणी में केवल पांच निशानेबाज ही ट्रायल के लिए उपस्थित होने के पात्र हैं। पेरिस ओलंपिक खेलों के लिए पिस्टल और राइफल दल का चयन करने के लिए दिल्ली और भोपाल में चार ट्रायल निर्धारित हैं। ट्रायल के विजेता पेरिस के लिए अपना टिकट पक्का करेंगे।
पहले दो ओलंपिक चयन ट्रायल (ओएसटी) 18 से 27 अप्रैल तक यहां कर्णी सिंह रेंज में आयोजित किए जाएंगे जबकि शेष दो 10 से 19 मई तक भोपाल में आयोजित किए जाएंगे।
अब ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जहां देश के लिए पेरिस कोटा स्थान अर्जित करने वाले 19 निशानेबाजों में से कुछ शीर्ष लय में नहीं है वहीं दूसरी ओर अन्य निशानेबाजों ने हाल के दिनों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन किया है।
इसके अलावा कुछ निशानेबाज ऐसे भी हैं जिन्होंने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन बेहद मामूली अंतर से शीर्ष पांच में जगह बनाने से चूक गये।
एनआरएआई सचिव राजीव भाटिया ने शुक्रवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि पांच निशानेबाजों ने आगामी ट्रायल में अपना नाम शामिल करने के लिए महासंघ को लिखा था।
उन्होंने कहा, '' हमने अभी तक मानदंड में कोई बदलाव नहीं किया है। हम पहले से तय प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं। हां, हमें पांच निशानेबाजों से पत्र मिले हैं जिसमें उन्होंने ट्रायल में अपना नाम शामिल करने का अनुरोध किया है, लेकिन हम मानदंड नहीं बदल रहे हैं। इस संबंध में कोई बैठक नहीं हुई है।''
पिछले साल 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में ओलंपिक कोटा हासिल करने वाली एक महिला निशानेबाज की राष्ट्रीय रैंकिंग 16 पहुंच गई है, लेकिन उसे ट्रायल में भाग लेने का मौका दिया गया है।
इस बारे में पूछे जाने पर एक पूर्व राष्ट्रीय राइफल कोच ने कहा, '' यह कुछ ऐसा है जो मुझे लगता है कि उचित है क्योंकि उसने देश को ओलंपिक कोटा दिलाया है।''
यह पता चला है कि एशियाई खेलों की पदक विजेता सहित दो महिला पिस्टल निशानेबाजों ने एनआरएआई से ट्रायल के लिए उनके नाम शामिल करने का अनुरोध किया है। एक पूर्व शॉटगन निशानेबाज ने कहा, ''यह अजीब है कि महासंघ उन निशानेबाजों की बात सुनने से इनकार कर रहा है जिन्होंने देश को अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाई है।'' उन्होंने कहा, ''इससे क्या फर्क पड़ता है कि ट्रायल में पांच के बजाय सात निशानेबाज भाग ले। मुझे लगता है कि सर्वश्रेष्ठ को देश का प्रतिनिधित्व करना चाहिए और महासंघ को ट्रायल में अधिक निशानेबाजों को शामिल करके अपना दायरा बढ़ाना चाहिए।''