Paris Olympics 2024 ओपनिंग सेरेमनी से पहले रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक नीता अंबानी को बुधवार को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) का सदस्य फिर से चुना गया है।
HIGHLIGHTS
पेरिस में चल रहे आईओसी के 142वें सत्र में नीता अंबानी को भारत का प्रतिनिधि चुनने के लिए 100% वोट मिले। अपने दोबारा चुने जाने पर नीता अंबानी ने कहा, "मुझे अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की सदस्य के रूप में फिर से चुने जाने पर गहरा सम्मान महसूस हो रहा है। मैं अध्यक्ष थॉमस बाक और आईओसी के सभी सदस्यों को मेरे प्रति विश्वास और भरोसे के लिए धन्यवाद देती हूं।" उन्होंने आगे कहा, "यह दोबारा चुनाव न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है बल्कि वैश्विक खेल जगत में भारत के बढ़ते प्रभाव की भी पहचान है। मैं इस खुशी के पल को हर भारतीय के साथ साझा करती हूं और भारत और दुनिया भर में ओलंपिक आंदोलन को मजबूत करने के हमारे प्रयासों को जारी रखने की उम्मीद करती हूं।" नीता अंबानी को पहली बार साल 2016 में रियो डी जेनेरियो ओलंपिक खेलों में इस प्रतिष्ठित संस्था का सदस्य बनाया गया था। भारत की पहली महिला आईओसी सदस्य के रूप में, नीता अंबानी ने अब तक संस्था के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है और भारत की खेल महत्वाकांक्षाओं और ओलंपिक विजन को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। हाल ही में, अक्टूबर 2023 में मुंबई में 40 साल से अधिक समय बाद पहला आईओसी सत्र आयोजित करने का श्रेय भी उन्हें जाता है, जिसके माध्यम से भारत की नई और महत्वाकांक्षी छवि दुनिया के सामने रखी गई। रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक और अध्यक्ष नीता अंबानी लाखों भारतीयों को संसाधन और अवसर प्रदान करने के लिए समर्पित हैं। रिलायंस फाउंडेशन भारत के खेल विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इसकी जमीनी स्तर से लेकर एलीट तक की योजनाओं के तहत अब तक 22.9 मिलियन (2.29 करोड़) से अधिक बच्चों और युवाओं को लाभ पहुंचाया जा चुका है। संगठन का ध्यान पूरे भारत में, विशेषकर दूरदराज के इलाकों में, जहां खेल और उपकरणों की पहुंच सीमित है, विभिन्न खेलों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के साथ दीर्घकालिक साझेदारी के तहत, रिलायंस फाउंडेशन इस साल पेरिस ओलंपिक 2024 में पहला इंडिया हाउस खोल रहा है। इंडिया हाउस एथलीटों के लिए 'घर से दूर घर' की तरह होगा, जहां वे अपनी जीत का जश्न मना सकेंगे और भारत की ओलंपिक यात्रा को दुनिया के साथ साझा कर सकेंगे। यह भारत की वैश्विक खेलों में एक प्रमुख शक्ति बनने की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है, ओलंपिक में अधिक सफलता हासिल करने और भविष्य में खेलों की मेजबानी के लिए मार्ग प्रशस्त करता है।