नई दिल्ली : इधर वर्ल्ड कप अंडर 17 का शानदार समापन हुआ और उधर अखिल भारतीय फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल पर गाज गिरी। एक तरफ फीफा ने अध्यक्ष महोदय को सफल आयोजन की बधाई दी तो दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रफुल्ल पटेल के पिछले साल हुए चुनाव को खारिज कर दिया। माननीय कोर्ट के अनुसार प्रफुल्ल पटेल के चयन मे खेल संहिता का पालन नहीं किया गया। पिछले साल दिसंबर मे पटेल को एआईएफएफ कार्यसमिति ने लगातार तीसरी बार अध्यक्ष चुना था और उनका कार्यकाल 2017 से 2020 तक था। अभी कुछ कहना जल्दबाज़ी होगी लेकिन यदि प्रफुल्ल पटेल दोषी पाए जाते हैं तो दुनियाभर मे गलत संदेश जाएगा। सरकार के पूर्ण समर्थन और सहयोग से वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया गया।
फुटबॉल का कारोबार देखने वाली फेडरेशन ने खूब वाहवाही लूटी लेकिन यदि अब उसके अध्यक्ष को धोखाधड़ी करने और छल छदम से चुनाव जीतने का दोषी पाया जाता है तो किरकिरी होनी तय है। वाहवाही लूटने वाले पटेल साहब को घर पर अपमान जनक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है द्य यह मामना कुछ कुछ कलमाडी जैसा हो सकता है द्यनई दिल्ली, (राजेंद्र सजवान): इधर वर्ल्ड कप अंडर 17 का शानदार समापन हुआ और उधर अखिल भारतीय फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल पर गाज गिरी। एक तरफ फीफा ने अध्यक्ष महोदय को सफल आयोजन की बधाई दी तो दूसरी तरफ दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रफुल्ल पटेल के पिछले साल हुए चुनाव को खारिज कर दिया।
माननीय कोर्ट के अनुसार प्रफुल्ल पटेल के चयन मे खेल संहिता का पालन नहीं किया गया। यह मामला कुछ-कुछ ऐसा ही है जैसा 2010 के कामनवेल्थ खेलों के सफल आयोजन के बाद सुरेश कलमाडी के लिए लगभग सभी रास्ते बंद हो गये थे। इसमे दो राय नहीं कि कामनवेल्थ खेलों का आयोजन देश का अब तक का सबसे बड़ा और सफलतम खेल महोत्सव था। सरकार, दिल्ली सरकार और तमाम इकाइयों के प्रयासों से कामनवेल्थ खेल यादगार छाप छोड़ गये। लेकिन भारतीय ओलंपिक कमेटी, दिल्ली सरकार, खेल प्राधिकरण और अन्य का भ्रष्टाचार कलमाडी को महंगा पड़ा और एक हीरो को रातों रात ज़ीरो बना दिया गया।
पिछले साल दिसंबर मे पटेल को एआईएफएफ कार्यसमिति ने लगातार तीसरी बार अध्यक्ष चुना था और उनका कार्यकाल 2017 से 2020 तक था। हालांकि अभी कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी लेकिन यदि प्रफुल्ल पटेल दोषी पाए जाते हैं तो दुनियाभर मे गलत संदेश जाएगा । सरकार के पूर्ण समर्थन और सहयोग से वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया गया। देश की फुटबॉल का कारोबार देखने वाली फेडरेशन ने खूब वाहवाही लूटी लेकिन यदि अब उसके अध्यक्ष को धोखाधड़ी करने और छल छदम से चुनाव जीतने का दोषी पाया जाता है तो किरकिरी होनी तय है। वाहवाही लूटने वाले पटेल साहब को घर पर अपमान जनक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है द्य यह मामना कुछ कुछ कलमाडी जैसा हो सकता है द्य