नई दिल्ली : यौन उत्पीड़न के आरोपों का हवाला देते हुए एक वकील ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सीईओ राहुल जौहरी की निरंतरता को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है। रश्मि नायर नामक महिला कार्यकर्ता ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करते हुए इस पर जोर दिया कि बीसीसीआई लोकपाल डीके जैन को जौहरी के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर दोबारा ध्यान देना चाहिए।
याचिका में कहा गया कि राहुल जौहरी का हर एक संगठन में रंगीन इतिहास रहा है और वह धमकी, जबरदस्ती या लालच द्वारा उन पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के सभी आरोपों से बचकर निकलने में सफल रहे हैं। याचिकाकर्ता ने यह भी जानने की मांग की है कि इस मामले को जांच के लिए हाल में नियुक्त लोकपाल क्यों नहीं सौंपा गया? नायर ने अपनी याचिका में उन तीन महिलाओं का हवाला दिया जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया था।
याचिका के अुनसार कि तीनों महिलाएं बयान देने के लिए आई थीं, लेकिन किसी कारण से एक महिला ने बयान नहीं दिया जबकि अन्य दो ने राहुल जौहरी के खिलाफ बयान दिया। याचिका में कहा गया कि टीम के जांच पूरा करने के बाद उसके सदस्यों के बीच मतभेद था। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राकेश शर्मा, बरखा सिंह और वीना गौड़ा में से एक सदस्य (गौड़ा) ने जौहरी को दोषी पाया, लेकिन फिर भी उसे क्लीन चिट दे दी गई।