ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ने बुधवार को संकेत दिए कि दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण अगर स्थल बदलने की जरूरत पड़ी तो भारत के खिलाफ एडीलेड में गुलाबी गेंद से खेले जाने वाले पहले टेस्ट का आयोजन ब्रिसबेन में लाल गेंद से किया जा सकता है। दिन-रात्रि टेस्ट के लिए गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाता है जबकि सामान्य टेस्ट मैच लाल गेंद से खेला जाता है।
हेजलवुड ने कहा कि टीम के उनके साथियों को बैकअप स्थल के रूप में गाबा (ब्रिसबेन में) को रखने में कोई समस्या नहीं है। उन्होंने हालांकि कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 17 से 21 दिसंबर तक होने वाला पहला टेस्ट पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार एडीलेड में ही होगा। ‘‘हम जितना अधिक इंतजार करेंगे, वहां गर्मी उतनी बढ़ती जाएगी, इसलिए तेज गेंदबाजों को दिसंबर में वहां मैच होने पर खुशी होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बेशक वहां (ब्रिसबेन) हमारा रिकॉर्ड काफी अच्छा है और वह श्रृंखला शुरू करने के लिए शानदार जगह है।’’एडीलेड में पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में इजाफा हुआ है जिसके कारण दक्षिण ऑस्ट्रेलिया को 6 दिवसीय लॉकडाउन की घोषणा करनी पड़ी। इसके साथ ही 4 टेस्ट की श्रृंखला के पहले मैच का आयोजन शहर में कराने की व्यावहारिकता पर भी सवाल उठने लगे हैं।
हेजलवुड ने कहा कि श्रृंखला के दौरान एडीलेड के अलावा किसी और मैदान पर गुलाबी गेंद का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।‘‘उन्होंने (क्यूरेटर डेमियन हॉग) ने एडीलेड में गुलाबी टेस्ट के लिए परफेक्ट विकेट तैयार की है। ऑस्ट्रेलिया में कुछ मैदान काफी सख्त हैं जैसे गाबा या पर्थ। यहां के विकेट गुलाबी गेंद के लिए काफी कड़े हैं, निश्चित समय के बाद गेंद काफी कोमल हो जाएगी।’’
हेजलवुड ने कहा, ‘‘पहला टेस्ट मेलबर्न या ब्रिसबेन या कहीं और लाल गेंद से हो सकता है, इसके बाद हम गर्मियों के सत्र में बाद में एडीलेड में खेल सकते हैं। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार एडीलेड में आयोजन की अब भी अच्छी संभावना है लेकिन इसमें बदलाव किया जा सकता है उम्मीद करते हैं कि अगले एक या दो हफ्ते में अंतिम फैसला होगा।’’