भारत और पाकिस्तान के बीच का मुकाबला हमें अब बस आईसीसी और एसीसी द्वारा कराए जाने वाले टूर्नामेंट में ही दिखता है. दोनों देश के बीच 9 साल से बायलेटरल सीरीज नहीं हुई है. वहीं जब भी दोनों देश बड़े टूर्नामेंट में भिड़ते है तो क्रिकेट फैंस के मन में अलग तरह का रोमांच जग जाता हैं. वहीं दोनों देश के बीच इतने सारे कटाक्ष के कारण बीसीसीआई ने बायलेटरल सीरीज कराने का फैसला नहीं दिया है.
वहीं इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड के उपाध्यक्ष मार्टिन डार्लो ने बीसीसीआई और पीसीबी के सामने एक ऑफर रखा है कि वो दोनों देश के बीच 3 मैचों के टेस्ट सीरीज को होस्ट कर सकते है. वहीं इस बात का जवाब बीसीसीआई ने ईसीबी को दे दिया है. बीसीसीआई ने साफ शब्दों में कहा है कि निकटतम भविष्य में ऐसा होना न के बराबर है.
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि सबसे पहले ईसीबी ने भारत-पाक सीरीज के बारे में पीसीबी से बात की और यह थोड़ा अजीब है. पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज को बीसीसीआई तय नहीं करेगा, इसमें सरकार का फैसला होता है. अभी तक, रुख वैसा ही है जैसा पहले था. हम केवल मल्टी स्पोर्टिंग इवेंट में ही पाकिस्तान से खेलेंगे.
हालांकि इसीबी ने पहले पीसीबी से बात कि इसका भी लोजिक भारत के समझ से पड़े हैं. उन्हें अगर प्रस्ताव रखना ही था दोनों देश के सामने, तो बराबर तरीके से रखते. ऐसा कैसे हो सकता है कि वो पहले पीसीबी से बात करें और फिर बीसीसीआई से. वहीं देखा जाए तो इंग्लैंड की टीम अभी पाकिस्तान के दौरे पर है, जहां दोनों देश के बीच 7 मैचों का टी20 सीरीज खेला जा रहा है और इसी वक्त ईसीबी वालों ने पहले पीसीबी से बात की, तो भारत को यह बात पच नहीं रहा है कि आखिर अचानक कैसे.
इसका मतलब यह भी हो सकता है कि पीसीबी से बात करने के बाद वो इस प्रस्ताव को एक्सेप्ट कर लिया होगा, उसके बाद ईसीबी भारत के सामने यह प्रस्ताव पेश किया हो. पर फिलहाल इसपर आगे कुछ नहीं कहा जा सकता.
वैसे मैं आपको बता दूं कि भारत-पाकिस्तान के बीच अंतिम टेस्ट मैच 2007 में खेला गया था और अंतिम टी20 और वनडे बायलेटरल सीरीज 2012 में खेले गए थे. उस वक्त टी20 1-1 से बराबर रहा था और वनडे 2-1 से पाकिस्तान ने जीता था. वहीं 2009 में मुंबई में आतंकी हमले हुए, फिर उसके बाद से ही धीरे-धीरे राजनीतिक संबंध बिगड़ने लगे, जिसके बाद से भारत ने दोनों देश के बीच होने वाले किसी भी फॉर्मेट के बायलेटरल सीरीज के लिए मना कर दिया.